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जयवीर सिंह ने घोटाले की पोल खोली; नंदी और CS के बीच भी तनातनी, मंत्री-अफसरों में फिर शुरू हुआ टकराव

यूपी में मंत्रियों और IAS अधिकारियों के बीच फिर टकराव शुरू हो गया है। वजह- विभाग में अपने चेहते अफसरों को रखने और हटाने की जिद है। मंत्री चाहते हैं कि उनके मनपसंद अफसर नियुक्त किए जाएं, ताकि विभाग में उनकी पकड़ मजबूत हो। लेकिन, अफसर ऐसा होने नहीं दे रहे हैं। इसी से विवाद बढ़ रहा है।

मंत्री और अधिकारी एक दूसरे की शिकायत लेकर शीर्ष स्तर तक भी पहुंचे हैं। ताजा मामला पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम के बीच तनातनी का है। उधर, औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी और मुख्य सचिव एवं अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज सिंह के बीच भी विवाद चल रहा है।

विधानसभा में अक्सर सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक इस बात पर एकमत होते हैं कि जिलों से लेकर शासन तक अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करते हैं। उनकी ओर से बताए गए काम नहीं करते हैं। लेकिन शासन में अब मंत्रियों और IAS अफसरों के बीच भी नहीं बन रही है। यही वजह है कि कैबिनेट मंत्री अपने ही महकमे के अफसरों के कामकाज से नाराज होकर उनकी पोल खोल रहे हैं।

विवाद–1: CGM नवीन कपूर से शुरू हुआ पर्यटन विभाग में विवाद पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने पर्यटन निगम के मुख्य महाप्रबंधक (CGM) नवीन कपूर को हटाने की फाइल चलाई। फाइल मंत्री जयवीर सिंह तक पहुंची तो उन्होंने पड़ताल की। मंत्री ने पूछा- पहले रखा क्यों गया था? जिन वजह से हटाया जा रहा है, उसका पहले ध्यान क्यों नहीं रखा गया? मंत्री ने यहां तक कहा कि यदि केवल मीडिया के दबाव में हटाया जा रहा है तो इससे वह सहमत नहीं हैं। मंत्री की आपत्ति के बाद मेश्राम, नवीन कपूर को नहीं हटा सके।

विवाद का असर: मंत्री ने अपने विभाग के घोटाले की पोल खोल दी इसके बाद पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने ही वाद्य यंत्र घोटाले की पोल खोली। मंत्री ने मामले की जांच कराई और आरोपी अधिकारियों को निलंबित करने का फरमान भी जारी किया। विभागीय सूत्रों के मुताबिक वाद्य यंत्र खरीद की फाइल पर प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम के भी दस्तखत हैं। मंत्री ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर पूछा कि टेंडर में ध्यान क्यों नहीं रखा गया। आखिर कैसे 8000 रुपए के वाद्ययंत्र की खरीद 36,000 रुपए में हुई। इतना ही नहीं संस्कृति विभाग में कलाकारों को मानदेय देने में हुए घोटाला में भी पर्यटन मंत्री ने जवाब-तलब कर लिया है। जानकार मानते हैं कि इस मामले की विस्तृत जांच में प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम तक दायरे में आ सकते हैं।

विवाद को लेकर Media ने प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम से बात की। उन्होंने कहा, ‘हमारे और मंत्री जी के बीच कोई नाराजगी नहीं है। हमारी इस संबंध में मुख्यमंत्री जी से कोई मुलाकात नहीं हुई है। हमें उनसे और उन्हें हमसे कोई दिक्कत नहीं है। नवीन कपूर मामले में जो वह कह रहे हैं, वह सही कह रहे होंगे। हमारा विभाग यूपी के सभी विभागों में सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। यूपी के इतिहास में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग में बीते 75 साल में जो काम नहीं हुए वह अब हुए हैं। वाद्ययंत्र मामले में जो चिट्‌ठी लिखी है, वह हमारा इंटरनल काम है। अधिकारियों की कमी के बाद भी संस्कृति विभाग अच्छा काम कर रहा है। ’

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