जेवर फिल्म सिटी का प्लान फेल! यमुना अथॉरिटी ने खारिज किया बोनी कपूर का लेआउट
टर नोएडा- उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में बनने वाली फिल्म सिटी को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. यमुना अथॉरिटी ने फिल्म सिटी का प्रस्तुत लेआउट प्लान खामियों के चलते वापस कर दिया है. अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने निर्देश दिया है कि लेआउट को तीन दिन के भीतर सुधार कर दोबारा अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाए.
बेव्य और भूटानी ग्रुप को सौंपी गई निर्माण की जिम्मेदारी
इस महत्वाकांक्षी फिल्म सिटी परियोजना का निर्माण कार्य बेव्य और भूटानी ग्रुप को सौंपा गया है. फिल्म निर्माता बोनी कपूर ने इस प्रोजेक्ट का लेआउट यमुना अथॉरिटी को स्वीकृति हेतु सौंपा था. प्रस्तावित फिल्म सिटी को 230 एकड़ भूमि में विकसित किया जाना है, जिसमें से 175 एकड़ इंडस्ट्रियल और 55 एकड़ कमर्शियल उपयोग के लिए आरक्षित है.
लेआउट में फेजिंग का अभाव
फिल्म सिटी का निर्माण तीन चरणों में किया जाना प्रस्तावित था, जिसमें पहले चरण में फिल्म इंस्टीट्यूट, शूटिंग स्पेस, साउंड मिक्सिंग, VFX, OTT प्लेटफॉर्म्स और रेस्टोरेंट्स जैसी सुविधाएं विकसित होनी थी. इसके अलावा, फिल्म क्षेत्र के विशेषज्ञों के लिए आवास की भी व्यवस्था की जानी थी.
हालांकि, यमुना अथॉरिटी के अनुसार जो लेआउट प्रस्तुत किया गया, वह पूरे 230 एकड़ का संयुक्त प्लान था और उसमें कोई फेजिंग नहीं की गई थी, जबकि लेआउट को चरणबद्ध रूप से प्रस्तुत किया जाना आवश्यक था.
यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि फिल्म सिटी का उद्देश्य केवल कमर्शियल निर्माण नहीं, बल्कि फिल्म निर्माण से जुड़ी गतिविधियों को प्राथमिकता देना है. उन्होंने बताया कि-
- लेआउट में फेज वाइज प्लानिंग का अभाव है.
- लैंड यूज के अनुसार गतिविधियां स्पष्ट नहीं हैं.
- ग्रीन एरिया, जो किसी भी परियोजना की अहमियत होती है, उसे अनुचित रूप से हटाया गया है.
- फायर एनओसी, स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी, और अन्य तकनीकी पहलुओं की जानकारी अधूरी है.
यमुना अथॉरिटी चाहती है कि फिल्म सिटी का शिलान्यास जून के पहले सप्ताह में किया जाए. इसी को ध्यान में रखते हुए ग्रुप को निर्देश दिए गए हैं कि लेआउट प्लान को तीन दिन में दुरुस्त कर पुनः प्रस्तुत किया जाए. अथॉरिटी का मानना है कि सही दिशा और योजना के तहत ही यह परियोजना राज्य की फिल्म इंडस्ट्री को एक नई पहचान दे सकेगी.