कानपुर पुलिस ने फर्जी IRS अधिकारी पकड़ा, शराब ठेका-नौकरी के नाम पर लाखों ठगे
कानपुर की चकेरी पुलिस ने फर्जी आईआरएस अफसर को अरेस्ट किया है। उसके पास से फर्जी आईकार्ड, हूटर लगी गाड़ी और कई दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। नौकरी और शराब ठेके के नाम पर ठगी की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच की। उसके बाद उसे दबोच लिया। सोमवार दोपहर को उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।
पुलिस ने पकड़ा तो अंग्रेजी में धौंस जमाया, थानेदार को ट्रांसफर की धमकी
एसीपी चकेरी अभिषेक पांडेय ने बताया कि कर्मचारी नगर चकेरी में रहने वाले हिमांशु सक्सेना ने बताया कि 2023 में उनकी मुलाकात शिवकटरा निवासी दिव्यांश श्रीवास्तव से हुई थी। इस दौरान उसने खुद को इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) अधिकारी बताया। उन्हें आबकारी विभाग से शराब का ठेका दिलाने और नौकरी का झांसा देकर 16 लाख रुपये ठग लिए।
हिमांशु ने बताया कि काफी समय होने के बाद भी जब उन्हें शराब का ठेका और नौकरी नहीं मिला तो उन्होंने आरोपित से बातचीत की। इस पर वह टालमटोली करता रहा। साथ ही आरोपित अपनी सरकारी सर्विस होने की धौंस भी दिखाता रहा। पुलिस में शिकायत की धमकी देने के बाद आरोपी दिव्यांश श्रीवास्तव ने 10 लाख रुपए वापस किया। बाकी छह लाख रुपये मांगने पर आरोपित उन्हें टालता रहा। इससे तंग आकर पीड़िता ने रविवार की रात को चकेरी पुलिस से शिकायत की। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपित को थाने बुलाया। पूछताछ के दौरान शातिर फंस गया।
पहले तो पुलिस पर अंग्रेजी बोलकर धौंस जमाया। पूछताछ करने वाली चकेरी पुलिस और दरोगा काे ट्रांसफर व सस्पेंड कराने की धमकी दी। थानेदार संतोष शुक्ला भी एक कदम पीछे हुए लेकिन जांच में खुलासा हुआ तो उसे अरेस्ट कर लिया। उसकी नीली बत्ती व हूटर लगी कार कब्जे में ले लिया। उसके पास से आईकार्ड समेत कई दस्तावेज बरामद हुए हैं।
अब सोमवार को खुलासा करने के बाद ने पुलिस ने दिव्यांश श्रीवास्तव को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया।
नीली बत्ती गाड़ी में भाजपा स्टीकर से हुआ संदेह
एसीपी चकेरी अभिषेक पांडेय ने बताया कि शातिर दिव्यांश से पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो वह पुलिस पर ही धौंस जमाता रहा। पुलिस ने जब उसकी कार में नीली बत्ती और हूटर के साथ जिला प्रमुख विश्व हिन्दू परिषद का स्टीकर लगा देखा तो संदेह और बढ़ गया। इसके बाद पुलिस ने सख्ती की तो वह टूट गया। तब पता चला कि वह फर्जी आईआरएस अफसर बनकर ठगी करता है।
इसके बाद पुलिस ने उसके पास से वर्दी और आईआर्ड समेत अन्य दस्तावेज भी बरामद कर लिया। इसके बाद उसके खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करके अरेस्ट कर लिया।
सेलेक्शन नहीं हुआ तो बन गया फर्जी अफसर
पूछताछ के दौरान दिव्यांश ने बताया कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था। सेलेक्शन नहीं हुआ। उसने फर्जी अफसर बनने का रास्ता चुना। अच्छी अंग्रेजी और विभाग की जानकारी होने के चलते पहले तो उसके ऊपर कोई संदेह तक नहीं करता था, लेकिन ठगी की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो उसे अरेस्ट कर लिया।