कानपुर : आमने-सामने योगी सरकार की मंत्री और पुलिस, जानिए क्या है मामला!
कानपुर देहात. योगी सरकार में महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला कानपुर देहात के अकबरपुर कोतवाली में धरने पर बैठ गईं. उन्होंने कोतवाली प्रभारी सतीश सिंह पर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठा SC/ST एक्ट का मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाया. प्रतिभा शुक्ला के धरने पर बैठने पर पुलिस प्रशासन सकते में आ गया. उधर इस मामले पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ‘और कितने सबूत चाहिए पुलिस की मनमानी का.’
सीओ प्रिया सिंह ने मंत्री प्रतिभा शुक्ला को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह एसपी को बुलाने पर अड़ गईं. एसपी अरविंद मिश्रा भी मौके पर पहुंचे, लेकिन वे मंत्री से मिले बिना कोतवाली के अंदर चले गए. सीओ प्रिया सिंह ने मंत्री से कहा, आप यहां से उठकर अंदर चलिए. लेकिन प्रतिभा शुक्ला ने हटने से मना कर दिया.
इंस्पेक्टर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं पर झूठा मुकदमा लिखने का आरोप
मंत्री प्रतिभा ने कोतवाली प्रभारी सतीश सिंह पर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठा SC/ST एक्ट का मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाया. कोतवाली क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. मंत्री ने कहा, जब तक इंस्पेक्टर को हटाया नहीं जाएगा, तब तक उनका धरना जारी रहेगा. ये समाजवादी सरकार नहीं है, ये योगी जी की सरकार है. यहां झूठे मुकदमे नहीं चलेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं को साजिश के तहत झूठे मुकदमे में फंसाया गया है.
पत्रकारों से मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा, “मुझे जानना है कि इंस्पेक्टर ने किसके दबाव में ये केस लिखा. यह प्रशासनिक मनमानी नहीं चलेगी.” उन्होंने कहा, जांच होनी चाहिए कि इंस्पेक्टर किसके निर्देश पर काम कर रहा है. भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्री के समर्थन में नारेबाजी की. अकबरपुर थाने में धरने पर बैठी योगी सरकार की मंत्री प्रतिभा शुक्ला से मुलाकात करने के लिए पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्रा मौके पर पहुंचे. इस दौरान क्षेत्राधिकार ने मंत्री जी को थाने के कमरे में बैठकर बात करने के लिए कहा तो उन्होंने कहा जाकर अपने कप्तान से कहो कि मेरे भाई का नाम भी अरविंद है और उनका नाम भी अरविंद है, इसलिए यहीं पर आएं और सबके सामने बात करें.
मंत्री से धरने पर बैठने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर को हटाने पर हम धरने पर बैठे हैं. इंस्पेक्टर कोई काम नहीं करता और झूठे केस लिखता है. मैं वहां विकास कार्य कराने में व्यस्त हूं यहां मेरे कार्यकर्ताओं पर झूठे केस लिखे जा रहे हैं ऐसा बिल्कुल नहीं चलेगा. मंत्री ने कहा, मैंने 25 साल में आज तक कोई केस नहीं लिखवाया, लेकिन आज बात मान-सम्मान की है. इसलिए मैंने केस किया है. एसपी साहब कह रहे हैं कि इतना दबाव था, इसलिए मुकदमा लिखना पड़ रहा है, मैं यही जानना चाहती हूं कि आखिर दबाव किसका है. ये कोई सपा की सरकार तो है नहीं योगी जी की सरकार है. क्या झूठे केस लिखे जाएंगे.
ये है पूरा विवाद
दरअसल, कानपुर देहात के बदलापुर पुलिस लाइन के पीछे सड़क निर्माण कार्य को लेकर बुधवार को एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. यह निर्माण कार्य स्थानीय सभासद शमशाद खान द्वारा रुकवा दिया गया. मामले की सूचना मिलते ही राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला खुद मौके पर पहुंचीं. उन्होंने तत्काल निर्माण कार्य दोबारा शुरू कराया और सभासद को भी बात करने के लिए बुलाया. इस दौरान मौके पर मौजूद हाजी अबरार और सभासद शमशाद खान के बीच कहासुनी शुरू हो गई, जो कुछ ही देर में तीखी नोकझोंक में बदल गई. स्थिति को बिगड़ते देख मंत्री ने तत्काल चौकी इंचार्ज को बुलाकर दोनों पक्षों को शांत कराने के निर्देश दिए. हालांकि, चौकी इंचार्ज ने मंत्री से कहा, कार्रवाई के लिए उन्हें लिखित आदेश देना होगा. बाद में निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार की तहरीर पर पुलिस ने सभासद शमशाद खान के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज कर लिया. यह मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि गुरुवार को एक दलित महिला ने मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पांच समर्थकों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया. इस घटनाक्रम के बाद एक ओर जहां पुलिस प्रशासन दबाव में है, वहीं दूसरी ओर मंत्री और सरकार की छवि भी सवालों के घेरे में आ गई है. ऐसे में यह टकराव प्रशासन और सत्ता पक्ष को आमने-सामने खड़ा करता दिखाई दे रहा है.