google-site-verification=aXcKQgjOnBT3iLDjEQqgeziCehQcSQVIW4RbI82NVFo
Dailynews

जानिए क्या है ‘I Love Muhammad’ विवाद

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कानपुर में ‘आई लव मुहम्मद’ के पोस्टर के बाद यूपी से लेकर उत्तराखंड, मुंबई, गुजरात तक धार्मिक तनाव बढ़ गया है. 40 सेकेंड के वीडियो ट्रेलर से कैसे माहौल बिगड़ रहा है? दरअसल, 4 सितंबर को यूपी के कानपुर से एक पोस्टर वायरल हुआ था, जिसमें लिखा था ‘आई लव मुहम्मद’, जिसके बाद हिंदू संगठनों ने विरोध किया था. पुलिस ने इस मामले में 25 युवकों पर FIR दर्ज की. इसके बाद यह विरोध यूपी के उन्नाव, भदोही, पीलीभीत, उत्तराखंड के काशीपुर से लेकर मुंबई और गुजरात तक फैल गया. इस विरोध की गंभीरता को इसी बात से समझा जा सकता है कि लोग विरोध में ‘सिर तन से जुदा’ के नारे तक लगा रहे हैं.

सवाल यह है कि त्योहारों से पहले कौन लोग मामूली विवाद को धार्मिक रंग दे रहे हैं. शुक्रवार को जुमे की नमाज के दिन मस्जिदों से तक़रीर की जा रही है. समाजवादी पार्टी के अबू आजमी ने भी इस मुद्दे को उठाया और कहा कि जितनी FIR करनी है कर लो लेकिन अल्लाह के सामने सब कुछ कुर्बान है. आखिर ऐसा क्या है कि इस मामले को सियासी रंग दिया जा रहा है.

दरअसल पूरे विवाद की शुरुआत 4 सितंबर 2025 को सैयद नगर क्षेत्र में बरावफात (ईद-मिलाद-उन-नबी) जुलूस के दौरान शुरू हुई. परंपरागत रूप से, ऐसे जुलूस तय मार्गों पर निकलते हैं, जहां अस्थायी टेंट और बैनर लगाने के लिए सहमति होती है ताकि कोई तनाव न हो. पुलिस के अनुसार, आयोजकों ने परंपरा से हटकर जफर वाली गली के पास एक टेंट और “आई लव मुहम्मद” लिखा एक लाइट बोर्ड लगाया, जो ऐतिहासिक रूप से राम नवमी जुलूस के लिए इस्तेमाल होता है. हिंदू समुदाय ने इसे “नई परंपरा” शुरू करने की कोशिश बताया. चश्मदीदों के अनुसार, हिंदू कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया और बैनर को फाड़ दिया, जिसके बाद तीखी नोकझोंक हुई. मौके पर कोई हिंसा नहीं हुई, लेकिन मामला रावतपुर थाने में पहुंचा.

दिया गया सियासी रंग

इसके बाद से ही यह विवाद बढ़ गया. मस्जिदों से तक़रीर दी गई, सोशल मीडिया पर वायरल किया गया. स्थानीय मुस्लिम नेताओं का कहना है कि वह अल्लाह की गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसको सियासी रंग तब दिया गया जब समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इसके खिलाफ बोलना शुरू किया। 

पुलिस का क्या है कहना?

9 सितंबर 2025 को, रावतपुर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196 (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत FIR दर्ज की. शिकायत में 9 नामजद और 15 अज्ञात व्यक्तियों, कुल मिलाकर लगभग 25 लोगों को आरोपी बनाया गया. कानपुर पुलिस आयुक्तालय ने 17 सितंबर को स्पष्ट किया कि FIR बैनर के कंटेंट के लिए नहीं, बल्कि गैर-परंपरागत स्थान पर बिना अनुमति टेंट लगाना, जुलूस के दौरान प्रतिभागियों द्वारा कथित तौर पर हिंदू धार्मिक पोस्टर फाड़ना था. पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) दिनेश त्रिपाठी ने जोर देकर कहा, “FIR ‘आई लव मुहम्मद‘ लिखने या बैनर लगाने के लिए नहीं, बल्कि परंपरागत मार्ग से हटने और आपसी तोड़फोड़ के लिए थी.” इसके बावजूद, “पैगंबर से प्रेम के लिए गिरफ्तारी” का नैरेटिव हावी हो गया, और प्रदर्शनकारी FIR वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

Umh News india

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *