Lucknow : रजिस्ट्रियों के फर्जीवाड़े में बड़ा खुलासा, मुकदमा दर्ज
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में रजिस्ट्रियों में हेरफेर का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है. एलडीए के अधिकारियों ने दलालों और प्रॉपर्टी डीलरों की मिलीभगत से सात भूखंडों की रजिस्ट्रियां फर्जी अभिलेखों के आधार पर दूसरों के नाम कर दीं. इस फर्जीवाड़े में भूखंडों के वास्तविक मालिकों के नाम बदलकर अन्य लोगों के नाम दर्ज किए गए. पुलिस ने इस मामले में एलडीए के सात अधिकारियों सहित कुल 23 लोगों के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया है.
फर्जीवाड़े का खुलासा
मामला तब उजागर हुआ जब गोमतीनगर पुलिस को एक रजिस्ट्री के सत्यापन के लिए सब रजिस्ट्रार द्वितीय कार्यालय भेजा गया. जांच में पता चला कि वर्ष 2001 में सात भूखंडों की रजिस्ट्रियों में हेरफेर कर उनके असली मालिकों के नाम बदल दिए गए. सब रजिस्ट्रार द्वितीय की शिकायत पर वजीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज की.
आरोपियों में एलडीए के तत्कालीन अधिकारी शामिल
पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में शामिल एलडीए के तत्कालीन संपत्ति अधिकारी और अनुभाग अधिकारी सहित सात अधिकारियों को आरोपी बनाया है. इसके अलावा, 16 अन्य लोगों, जिनमें दलाल और प्रॉपर्टी डीलर शामिल हैं, के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. यह गिरोह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भूखंडों की रजिस्ट्री करवाकर उन्हें बेचने का काम करता था.
वजीरगंज पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है. प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह फर्जीवाड़ा संगठित तरीके से लंबे समय से चल रहा था. एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है