लखनऊ : परशुराम जयंती पर पुलिस-श्रद्धालुओं में झड़प: महिलाएं फरसा लेकर निकलीं
लखनऊ में परशुराम जयंती पर शोभायात्रा निकाल रहे अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया। इसे लेकर पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, मंत्री दयाशंकर सिंह, पूर्व डीजीपी विजय कुमार और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह शामिल होने वाले थे। लेकिन कोई नहीं पहुंचे। वहीं, शोभायात्रा में शामिल महिलाएं फरसा और भगवा झंडा लहराते हुए निकली थीं।
पुलिस प्रशासन ने शोभायात्रा को निकालने की परमिशन नहीं दी। इस पर अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा- यह सरकार ब्राह्मण विरोधी है। प्रभु परशुराम की शोभायात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जा रही थी, लेकिन परमिशन नहीं दी गई। पुलिस इसके पीछे की वजह भी नहीं बता रही है। परशुराम जयंती पर मुंशी पुलिया से दारूलशफा तक शोभायात्रा निकाली जानी थी। इसके लिए कई हफ्तों से तैयारी की गई थी, जिसमें बैनर और होर्डिंग लगाए गए थे। इन पर बृजेश पाठक के साथ ही प्रदेश सरकार के मंत्रियों का नाम भी अतिथियों के तौर पर लिखा गया था। लेकिन आखिरी मौके पर सभी ने अपना प्लान बदल लिया। महासभा सदस्यों का कहना है कि एक हफ्ते पहले शोभायात्रा निकालने के लिए परमिशन मांगी गई थी। सूत्रों से पता चला है कि शोभायात्रा को परमिशन नहीं मिलने से नेताओं ने भी कार्यक्रम से दूरी बना ली।
इंदिरा नगर एसीपी अंजनेय कुमार सिंह और अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी के बीच 1 घंटे तक चर्चा हुई। उसके बाद भी अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा सदस्य शोभायात्रा निकालने की जिद पर अड़े थे। जबरन शोभायात्रा निकाली गई। जिससे पुलिस और ब्राह्मण महासभा के लोगों के बीच में नोक-झोंक हुई।
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा अध्यक्ष ने कहा- हमने शोभायात्रा के लिए एक हफ्ते पहले ही जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन हमें परमिशन नहीं दी गई। आज फोर्स लगाकर हमारी शोभायात्रा को रोका गया है।
उन्होंने कहा- यह सरकार सिर्फ दिखावा करती है। ब्राह्मण इस यात्रा का नेतृत्व कर रहा है, इसलिए यात्रा को रोका जा रहा है। 80% ब्राह्मण और 20% अन्य भगवान परशुराम के अनुयायी शोभायात्रा में मौजूद है। यह बर्दाश्त नहीं हो रहा है। वहीं इंदिरानगर एसीपी ने कहा- यह यात्रा परंपरागत यात्रा नहीं थी। इस वजह से यात्रा को परमिशन नहीं दी गई।