लखनऊ : ‘पत्रकारिता तब और अब’ विषय पर हुई चर्चा
लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार और हिंदी विशेषज्ञ श्यामा चरण तिवारी की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में साहित्यकार,पत्रकार और समाजसेवी शामिल हुए।इसमें ‘पत्रकारिता तब और अब’ विषय पर चर्चा हुई।
लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्य प्रसाद दीक्षित ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में पत्रकारिता का स्वरूप बदल गया है। पहले अखबार समाज को दिशा देते थे। अब समाज ही अखबार पर हावी हो गया है।
अब खबरें सतही होती जा रही
वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र दुबे ने तिवारी को व्याकरण और सिद्धांतों के पक्के बताया। मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि अब खबरें सतही होती जा रही हैं। संपादक अभयानंद शुक्ल ने बताया कि कंप्यूटर आने के बाद चेकिंग का स्तर गिरा है।डॉ. राम बहादुर मिश्र ने बताया कि तिवारी आचार्य नरेंद्र देव और प्रो. हरिकृष्ण अवस्थी के शिष्य थे।
श्यामा चरण तिवारी के सिद्धांत पत्रकारों के लिए प्रेरणा
साहित्यकार रतन श्रीवास्तव ने उनके स्नेह को याद किया। तिवारी की पुत्रवधू डॉ. नूपुर त्रिपाठी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।कार्यक्रम में प्रधान संपादक हरिनाथ सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। संयोजक पीयूष त्रिपाठी ने अपने पिता के संघर्षों को याद किया। तिवारी के परिवार ने श्रद्धांजलि अर्पित की। संस्थापक संरक्षक संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि तिवारी के सिद्धांत आज भी पत्रकारों के लिए प्रेरणा हैं।