लखनऊ : युद्ध के दौरान बचने की ट्रेनिंग दी: सायरन बजते ही जमीन पर लेटे लोग; यूपी DGP बोले- 19 जिलों में मॉक ड्रिल होगी
भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच लखनऊ में युद्ध से बचाव के लिए सिविल डिफेंस ने मॉक ड्रिल की। लखनऊ में पुलिस लाइंस में सायरन बजते ही लोग जमीन पर लेट गए और हाथों से अपने दोनों कान बंद कर लिए। गोली लगने या हमलों के दौरान क्या किया जाए, इसकी ट्रेनिंग भी सिविलियंस को दी गई।
सिविलियंस को घायल होने पर अस्पताल ले जाने की भी ट्रेनिंग दी गई। हमले के दौरान आग लग जाए तो उसे कैसे बुझाया जाए, गोली लगने और विस्फोटों से घायलों को कैसे बचाया जाए। इसकी भी वॉलंटियरों को जानकारी दी गई।
DGP प्रशांत कुमार ने बताया-19 जिलों में 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल होगी। इसमें कानपुर, लखनऊ, मथुरा जैसे प्रशासनिक जिले भी शामिल हैं। बक्शी का तालाब, सरवासा जैसे इलाके, जो लखनऊ और सहारनपुर में हैं, वहां एयर फोर्स स्टेशन मौजूद हैं।
सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को इनके इंपोर्टेंस या सेंसेटिविटी के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटेगरी 1 में वो डिस्ट्रिक्ट हैं, जो सबसे सेंसेटिव हैं। सिर्फ 1 डिस्ट्रिक्ट- बुलंदशहर कैटेगरी 1 में है, क्योंकि यहां नरौरा न्यूक्लियर प्लांट मौजूद है।
इसी तरह कैटेगरी 2 में आगरा, कानपुर, लखनऊ, बख्शी का तालाब ( लखनऊ) गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, मुरादाबाद, बरेली, मथुरा, गाजियाबाद, झांसी, सहारनपुर, सरसावां (सहारनपुर), पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (चंदौली) को रखा गया है। कैटेगरी 3 में बागपत और मुजफ्फरनगर डिस्ट्रिक्ट हैं।
देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच लखनऊ में युद्ध से बचाव के लिए सिविल डिफेंस ने मॉक ड्रिल की। लखनऊ में पुलिस लाइंस में सायरन बजते ही लोग जमीन पर लेट गए और हाथों से अपने दोनों कान बंद कर लिए। गोली लगने या हमलों के दौरान क्या किया जाए, इसकी ट्रेनिंग भी सिविलियंस को दी गई।
सिविलियंस को घायल होने पर अस्पताल ले जाने की भी ट्रेनिंग दी गई। हमले के दौरान आग लग जाए तो उसे कैसे बुझाया जाए, गोली लगने और विस्फोटों से घायलों को कैसे बचाया जाए। इसकी भी वॉलंटियरों को जानकारी दी गई।
DGP प्रशांत कुमार ने बताया-19 जिलों में 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल होगी। इसमें कानपुर, लखनऊ, मथुरा जैसे प्रशासनिक जिले भी शामिल हैं। बक्शी का तालाब, सरवासा जैसे इलाके, जो लखनऊ और सहारनपुर में हैं, वहां एयर फोर्स स्टेशन मौजूद हैं।
सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को इनके इंपोर्टेंस या सेंसेटिविटी के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटेगरी 1 में वो डिस्ट्रिक्ट हैं, जो सबसे सेंसेटिव हैं। सिर्फ 1 डिस्ट्रिक्ट- बुलंदशहर कैटेगरी 1 में है, क्योंकि यहां नरौरा न्यूक्लियर प्लांट मौजूद है।
इसी तरह कैटेगरी 2 में आगरा, कानपुर, लखनऊ, बख्शी का तालाब ( लखनऊ) गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, मुरादाबाद, बरेली, मथुरा, गाजियाबाद, झांसी, सहारनपुर, सरसावां (सहारनपुर), पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (चंदौली) को रखा गया है। कैटेगरी 3 में बागपत और मुजफ्फरनगर डिस्ट्रिक्ट हैं।
देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। मॉक ड्रिल पर कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा- पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश की जनता चाहती है कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई हो। ऐसे में गृह मंत्रालय लोगों को सचेत करने की कोशिश कर रहा है ताकि वे किसी भी हालत में घबराएं नहीं।
वहीं, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमेशा देशहित, राष्ट्रहित में काम हुआ है। आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा।