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लखनऊ : 12 खुर वाला बकरा, कीमत 3 लाख, नाश्ते में बादाम खाता है

लखनऊ की बकरा मंडी में पहली बार 12 खुर वाला बकरा आया है। वह नाश्ते में भीगा चना, बादाम, छुहारा खाता है। उसकी कीमत 3 लाख रुपए है। पेट पर मोहम्मद लिखा बकरा भी खरीदारों को अपनी ओर लुभा रहा है। उसके मालिक उसे 2 लाख रुपए में बेचेंगे।

कान पर अल्लाह लिखा बकरा भी कम नहीं है। उसकी भी कीमत 1.60 लाख रुपए रखी गई है। बेहद लंबा और चौड़ा रुस्तम बकरा खूबसूरती की वजह से काफी पसंद किया जा रहा है। सामान्य बकरों की डिमांड ज्यादा है। बकरे बेचने के लिए मंडियों में ग्रामीण इलाकों से लोग पहुंच रहे हैं।

लखनऊ की दुबग्गा और नींबू पार्क मंडी में सबसे ज्यादा चर्चा में 12 खुर वाला बकरा है। उसे खरीदने नहीं, बल्कि देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। बकरा पालने वाले मोहम्मद रफीक के बताया कि बकरा 3 साल का है। जब 4 महीने का था तभी से उसे पाल रहे हैं। बकरे के पिछले पैर में दो छोटे पैर और जुड़े हैं, जिस वजह से कुल 12 खुर हैं।

इस बकरे को उन्होंने खाने में भीगा हुआ चना, घर का खाना देते हैं। इसे ड्राई फ्रूट बहुत पसंद है। चने से ज्यादा बादाम-छुहारा खाता है। बकरा दिनभर उनके साथ रहता है। बकरे की कीमत 2 लाख रुपए तक लग चुकी है, मगर उसे 3 लाख में ही बेचेंगे। उनका कहना है कि पूरे लखनऊ में ऐसा एक ही बकरा है। मंडी में अकबर विशेष बकरा लेकर आए हैं। उनके बकरे के कान पर अल्लाह लिखा है। उन्होंने बताया कि बकरे को घर में पाला है। उसके कान पर अल्लाह लिखा है, जो बिल्कुल स्पष्ट दिख रहा है। बकरा अभी केवल 16 महीने का है। पूरी तरह से तंदरुस्त है। बकरे की कीमत 1 लाख 60 हजार रुपए रखी है। बकरा मंडी में अब्दुल गफ्फार एक बकरा लेकर आए हैं। उस बकरे के पेट पर मोहम्मद लिखा है। उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद का नाम बकरे के शरीर पर होने से इसकी कीमत बढ़ गई है। 2 लाख रुपए डिमांड है। बकरे को खाने में चना, जौ और गेहूं देते हैं। उन्होंने कहा कि मौलानाओं को बकरा दिखा चुके हैं। सबने ये माना है कि पैगंबर का नाम बकरे के शरीर पर लिखा हुआ है। यह कुर्बानी के मौके को खास बनाता है।

बकरा मंडी में रॉकेट कान और लंबी सींग वाले बकरे की भी डिमांड है। इसके बारे में जानकारी देते हुए व्यापारी अली ने बताया कि बर्बरा बकरा बेहद फुर्तीला होता है। लंबी सींग और रॉकेट की तरह खड़े कान ही इसकी खासियत हैं।

इस बकरे की कीमत15 हजार रुपए से 1 लाख 30 हजार तक होती है। इस नस्ल के जितने भी बकरे मंडी में आते हैं, वो सभी बिक जाते हैं। बहरहाल, उनके बकरे की कीमत सामान्य है। बकरा मंडी में बिना पूंछ वाला दुंबा बकरा भी लाया गया है। इसे अरबी बकरा भी कहते हैं। इसे खरीदने वाले मोहम्मद शादाब ने इसकी खासियत बताई। उन्होंने कहा कि सबसे पहली कुर्बानी इसी बकरे की दी गई थी। मोहम्मद साहब के सामने जो बकरा आया था यह बकरा उसी नस्ल का है।

दुंबा अन्य बकरों से काफी अलग होता है। इसके पूंछ नहीं होती है। इस बार उन्होंने दुंबा बकरा खरीदा है। दुंबा पत्ते बहुत कम ही खाता है। चना, गेहूं और मटर खाता है, जिससे इसका शरीर बेहद तंदरुस्त रहता है।

मंडी में इस साल 12 नस्ल के बकरे आए हैं। इनमें मेवाती, तोतापरी, अलवरी, अजमेरी, बर्बरा, मालवा, कोटा, देसी, जमनापारी, बीतल, सोजत और दुंबा शामिल हैं। इसमें सबसे अधिक मांग देसी बकरों की है। देसी बकरे ज्यादातर किसान ग्रामीण क्षेत्र से लेकर आते हैं। इसकी कीमत 10 हजार से शुरू होती है। वहीं, बर्बरा बकरा खूबसूरती और फुर्तीला होता इसलिए लोग इसे भी पसंद करते हैं।

Umh News india

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