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56 साल बाद मिला शहीद जवान का शव, एकलौते बेटे और पत्नी की हो चुकी है मौत

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सहारनपुर: यूपी के सहारनपुर जिले के कस्बा नानौता क्षेत्र में एक गांव फतेहपुर है. यहां गांव में एक परिवार का 56 साल पुराना जख्म एक बार फिर हरा हो गया है. 1968 में भारतीय वायुसेना का विमान सियाचिन ग्लेशियर के पास क्रैश हुआ था, जिसमे 100 जवान शहीद हो गए थे. इनमें सहारनपुर के मलखान सिंह भी शामिल थे. मंगलवार को गांव पहुंचे सेना के जवानों ने बताया कि मलखान सिंह का पार्थिव शरीर मिल गया है, जो कि 2 अक्तूबर को शाम तक गांव पहुंचेगा.

बैच नंबर से हुई मलखान सिंह की पहचान
सेना के 2 जवान मंगलवार को मलखान सिंह के गांव फतेहपुर में उनके घर पहुंचे. सेना के जवानों ने मलखान सिंह के परिवार वालों को बताया कि मलखान सिंह का शव बरामद हुआ है. शव के पास से मिले बैच नंबर से उनकी पहचान हुई है. सेना द्वारा सहारनपुर के नानौता थाने में संपर्क किया गया. स्थानीय पुलिस की मदद से सेना के जवान के मलखान सिंह के घर तक पहुंचे.

मलखान सिंह की पत्नी और बेटे की भी हो चुकी है मौत
56 वर्ष बाद दादा का शव मिलने पर उनके पौत्र गौतम कुमार सहित पूरा परिवार गमगीन है. मृतक मलखान सिंह की पत्नी शिलावती और बेटे रामप्रसाद की मृत्यु हो चुकी है. जबकि उनके 2 पौत्र गौतम और मनीष हैं, दोनों सहारनपुर में रहकर मजदूरी करते हैं. वहीं, मलखान सिंह के पोते गौतम कुमार का कहना है कि एक तरफ तो दादा के शव मिलने की खुशी हो रही है कि उनका अंतिम बार चेहरा हमें देखने को मिलेगा, तो वहीं दूसरी ओर गम भी है.

मलखान सिंह के परिवार में उनकी पत्नी शीला देवी और इकलौते बेटे रामप्रसाद की मौत हो चुकी है. अब उनके परिवार में पोते गौतम, मनीष और पोती सोनिया, मोनिका और सीमा हैं. गौतम और मनीष सहारनपुर में ऑटो चलाते हैं. मलखान सिंह के भाई सुल्तान सिंह और चंद्रपाल सिंह की भी मौत हो चुकी है. फिलहाल भाई ईशमपाल सिंह और बहन चंद्रपाली हैं. परिवार का कहना है कि उन्हें वायु सेना की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है.

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