मेरठ : धीरेंद्र शास्त्री की चेतावनी- कायदे में रहोगे, फायदे में रहोगे
मेरठ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ‘हम मुसलमानों के विरोधी नहीं है। इस देश को आजादी दिलाने में मुसलमानों का भी योगदान है। लेकिन कायदे में रहेंगे तो फायदे में रहेंगे।’
उन्होंने हनुमंत कथा में आए लोगों से कहा, बुरा न मानना, तुम भले ही बड़े आदमी हो, अमीर हो। मगर कल जब तुम्हारे मकान जलाए जाएंगे, तुम्हारी बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जाएगी। बांग्लादेशी हिंदुओं जैसा हाल होगा, तब तुम्हें हमारी याद आएगी। लेकिन तब न तुम्हारा पद बचेगा, न तुम्हारा कद बचेगा। बांग्लादेशी हिंदुओं से पूछ लो, कश्मीरी पंडितों से पूछ लो। खबर चल रही है कि बांग्लादेशी में हिंदू बस्ती को जला दिया गया। इसलिए देर मत करो।
मेरठ में चल रही 5 दिवसीय हनुमत कथा के पहले दिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, हम दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा निकालेंगे। कुछ लोग कहते थे कि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो, हम उनसे कहना चाहेंगे कि ये देश संविधान से चलेगा। ये देश हनुमान से चलेगा।
हम चाहते हैं कि इस देश में संतों के एक हाथ में संविधान हो और एक हाथ में पुराण हो। हमने सोचा है कि अब हिंदू मिट न जाए। हिंदुओं पर धावा न बोला जाए। बाबर और अकबर को महान न बताया जाए। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाया जाए, इसलिए अब हम दिल्ली, मेरठ और ब्रजवासियों के घर-घर जाएंगे। सभी को शपथ दिलवाएंगे। हिंदू राष्ट्र बनाने की अलख जाएंगे।
हम आठ दिन तक सड़क पर रहेंगे। रास्ते में ही सोएंगे, जो खाने को मिलेगा, वहीं खाएंगे। जो लोग मिलेंगे, उन्हें शपथ दिलाएंगे। जितने दिन हम हैं, लोगों को जागरूक करेंगे। हम सुधरने वाले नहीं हैं। हमको न नेता बनना है और न ही किसी पार्टी को वोट दिलवाना है। बागेश्वर बाबा ने कहा, हम भारत के हैं और भारत हमारा है। हम चाहते हैं कि अब तुम्हारी बहन-बेटियों के ऊपर अत्याचार न हो, रामायण को फिर से न जलाया जाए। संतों को पीटा न जाए। मजहब के नाम पर अब भारत के टुकड़े न हों। अब भारत को हिंदू राष्ट्र बनाया जाए।
औरंगजेब के ऊपर है छावा, उसका गिरेगा अब ढाबा, क्योंकि देश में है बागेश्वर बाबा। कथा सुननने के लिए उत्तर प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार जैसे प्रदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री की वेस्ट यूपी में यह पहली कथा है। 25 से 29 मार्च तक 5 दिन चलने वाली कथा में करीब 15 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। हर दिन दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक कथा सुनाई जाएगी।