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बुलंदशहर में हाईवे पर मां-बेटी से किया था गैंगरेप, 9 साल बाद 5 दोषी

बुलंदशहर में नेशनल हाईवे-91 पर परिवार को बंधक बनाकर मां-बेटी से गैंगरेप करने वाले 5 आरोपियों को पॉक्सो कोर्ट ने शनिवार को दोषी करार दिया। अब 22 दिसंबर (सोमवार) को सजा सुनाई जाएगी। 9 साल 4 महीने और 21 दिन के लंबे इंतजार के बाद अब पीड़ित परिवार की निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी हैं।

अदालत में सुनवाई के दौरान एक अजीब वाकया पेश आया। सजा सुनाए जाने के बाद जेल जाते वक्त एक अपराधी ने मीडियाकर्मियों को देखकर अपने दोनों हाथ हवा में लहराए। फिर मुस्कुराते हुए बोला- ‘जियो राजा, मुझे फेमस कर दो।’ इस पर पुलिस उसे धक्का देकर आगे ले गई। दरिंदगी करने वालों के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी।

2016 में नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक परिवार को बदमाशों ने लूट के इरादे से रोका था। फिर कार सवार मां और उसकी नाबालिग बेटी से हाईवे किनारे खेत में गैंगरेप किया था। बाकी सदस्यों को बंधक बनाकर लूटपाट की थी।

घटना जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर और देहात कोतवाली से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर हुई थी। लेकिन, पुलिस और हाईवे पेट्रोलिंग टीम को भनक तक नहीं लगी। इस मामले में 9 साल में 25 लोगों की गवाही हुई। कुल 11 आरोपी बनाए गए थे। इनमें एक की बीमारी से मौत हो चुकी है। 2 एनकाउंटर में ढेर हो गए थे। 3 को बरी किया जा चुका है।

घटना 28 जुलाई, 2016 की रात की है। नोएडा का एक परिवार कार से शाहजहांपुर अपने पैतृक गांव जा रहा था। गांव में तेरहवीं थीं। कार में 14 साल की लड़की, उसके पिता, मां, ताई-ताऊ और तहेरा भाई बैठा था।

रात डेढ़ बजे बुलंदशहर देहात कोतवाली क्षेत्र में दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास बदमाशों ने कार को रोक लिया। इसके बाद सभी को बंधक बना लिया। मां और नाबालिग बेटी को पास के खेत में ले जाकर गैंगरेप किया। जबकि अन्य घरवालों को दूसरे खेत में बंधक बनाकर पीटा और लूटपाट कर भाग निकले।

पीड़ित परिवार ने रात में ही डायल-100 पर 100 से ज्यादा कॉल कीं, लेकिन मदद नहीं मिली। इसके बाद नाबालिग लड़की के पिता ने नोएडा पुलिस में कार्यरत अपने दोस्त को फोन किया। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। आरोप है, देहात कोतवाली पुलिस ने शुरू में मामला दबाने की कोशिश की। लड़की को मेडिकल के लिए भटकना पड़ा। आखिरकार घटना के 12 घंटे बाद 30 जुलाई की दोपहर मुकदमा दर्ज हुआ।

31 जुलाई, 2016 को पुलिस ने तीन फर्जी आरोपियों को पकड़कर वारदात के खुलासे का दावा कर दिया। मामला तूल पकड़ने पर 1 अगस्त, 2016 को डीजीपी और प्रमुख सचिव मौके पर पहुंचे थे। उसी शाम तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण और सीओ हिमांशु गौरव को हटा दिया गया था। थाना प्रभारी रामसेन समेत 19 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस जघन्य घटना का स्वतः: संज्ञान लेते हुए सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे। 19 अगस्त, 2016 को CBI जांच शुरू हुई। CBI टीम ने आरोपियों की रिमांड लेकर 20 अगस्त को घटनास्थल का सीन रीक्रिएट कराया।

नोएडा और हरियाणा पुलिस ने 2 को एनकाउंटर में ढेर किया था इस केस में पुलिस ने बुलंदशहर और हरियाणा से कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के खिलाफ 11 अप्रैल, 2017 और हरियाणा से गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ 27 जुलाई, 2018 को चार्ज फ्रेम किए गए।

हालांकि, ट्रायल के दौरान एक आरोपी सलीम की बीमारी से मौत हो गई। दो आरोपी- अजय उर्फ असलम उर्फ कालिया को हरियाणा पुलिस और बंटी उर्फ गंजा उर्फ बबलू को नोएडा एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। जबकि 3 रहीसुद्दीन, जावेद उर्फ शावेज और जबर सिंह के नाम केस से निकाले जा चुके हैं। 5 आरोपियों को आज कोर्ट ने दोषी करार दिया। अब इन्हें एडीजे मुख्य पॉक्सो ओमप्रकाश वर्मा की कोर्ट 22 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी।

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