मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म
मऊ: माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा हुई है. शनिवार यानी 31 मई को को मऊ कोर्ट ने यह फैसला दिया. सजा के ऐलान के साथ ही अब्बास की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई. अब उनके पास विधायकी भी नहीं रही. इस बात की जानकारी विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने रिक्त सीट घोषित करते हुए चुनाव आयोग को दे दी. रविवार को छुट्टी होने के बावजूद विशेष रूप से कार्यालय खोला गया और पत्र आयोग को भेज दिया गया. बताया जा रहा है कि निर्वाचन आयोग नियमानुसार मऊ सीट पर उपचुनाव कराएगा.
बता दें, कल सजा के ऐलान के बाद अब्बास अंसारी के सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. इसमें लिखा था- अजाएम जिनके ऊंचे और ऊंचे बख़्त होते हैं. ज़माने में उन्ही के इम्तिहान भी सख़्त होते हैं. आज मऊ की CJM कोर्ट ने माननीय विधायक अब्बास अंसारी साहब को दोषी पाते हुए 2 साल की सज़ा सुनाई और चाचा मंसूर अंसारी को दोषी पाते हुए 6 महीने की सज़ा सुनाई. गौरतलब है की माननीय विधायक अब्बास अंसारी जितनी सज़ा है उससे अधिक (यानि 2 साल से कुछ अधिक) विचाराधीन बंदी के रूप में कारागार में रह चुके हैं इसलिए अदालत ने उनको और उनके चाचा को भी ज़मानत पर रिहा कर दिया.
आगे लिखा- अल्लाह जो करता है उसी में बेहतरी होती है यही हम सबका ईमान है. आगे इंसाफ की लड़ाई ऊपर की अदालत में लड़ी जायेगी. देर से ही सही मगर इंसाफ ज़रूर होगा इंशाअल्लाह. हमें अल्लाह पर, अपने देश की न्यायपालिकाओं पर और संविधान पूरा भरोसा है. अब्बास अंसारी को जिस मामले में सजा सुनाई गई है, वह 2022 में हुए विधानसभा चुनाव का है. चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में अब्बास ने कहा था- सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी. जो जहां है, वहीं रहेगा. पहले हिसाब-किताब होगा, फिर ट्रांसफर होगा. इस बयान के बाद ही मऊ कोतवाली में सब इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने एफआईआर दर्ज कराई थी. लगभग 3 साल चली सुनवाई के बाद कल इस मामले में फैसला आया है.
कहा जा रहा है कि अब्बास अंसारी इस फैसले को अब हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. हालांकि, वह विधानसभा सदस्यता जाने को चुनौती नहीं दे सकते हैं. वह हेट स्पीच केस में दो साल की सजा सुनाए जाने को चुनौती देंगे. अब्बास के वकील का दावा है कि जल्द ही मामले को हाई कोर्ट में ले जाया जाएगा.