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Mumbai News : औरंगजेब की कब्र पर टूटा बजरंग दल-VHP का सब्र, पुलिस बल तैनात

महाराष्ट्र में मुगल बादशाह औरंगजेब पर छिड़ा सियासी संग्राम रुकने का नाम नहीं ले रहा है. औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर पूरे महाराष्ट्र में आज बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद का बड़ा प्रदर्शन है, जिसे लेकर छत्रपति संभाजी नगर में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. बजरंग दल ने महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि औरंगजेब की कब्र नहीं हटाई जाएगी तो बाबरी मस्जिद की तरह कार सेवा कर कब्र को उखाड़ फेंकेंगे.

कब्र को तोड़ने को लेकर मिल रही धमकियों के चलते, शनि‍वार को जिले के पुलिस अधिकारियों ने कब्र का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान एसआरपी की एक बैच को तैनात किया गया, जबकि पहले से ही स्थानीय पुलिस की सुरक्षा मौजूद है.

कब्र की सुरक्षा के लिए दो सीनियर इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं. इसके अलावा, कब्र तक जाने वाली सड़क पर दो जगहों पर नाकाबंदी की गई है और दो फिक्स प्वाइंट भी लगाए गए हैं. कब्र पर जाने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही है और इसके बाद उन्हें जाने दिया जा रहा है. यह कदम सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए उठाया गया है.

उधर महाराष्ट्र के पुणे में भी हिंदू संगठन ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. पुणे में पतित पावन संगठन के लोगों ने प्रदर्शन किया और औरंगजेब के पोस्टर जलाए.इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इस धरना प्रदर्शन का ऐलान करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा था, ‘आगामी सोमवार 17 मार्च को छत्रपति शिवाजी महाराज की पावन जयंती है. उन्होंने हिंदवी स्वराज्य व उसकी रक्षा हेतु अपनी तीन पीढ़ियां लगा दीं और आतंकी मुगलों को नाकों चने चबा दिए. देश के स्व की पुन: स्थापना तथा पराधीनता के चिन्हों और पराधीन मानसिकता का पराभव अब होना ही चाहिए. औरंगजेब के बाद अब उसकी कब्र की समाप्ति का समय भी आ रहा है. विहिप व बजरंगदल के कार्यकर्ता उस दिन संपूर्ण महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने हेतु प्रदर्शन कर स्थानीय जिलाधीश के माध्यम से सरकार को ज्ञापन देकर कहेंगे कि शिवाजी महाराज की पावन धरा से औरंगजेब की कब्र और औरंगजेबी मानसिकता का समूल नाश हो.’

क्या कह रहे स्थानीय लोग
औरंगजेब की कब्र को लेकर मचे इस पूरे विवाद के बीच स्थानीय लोगों ने आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की है. ऐसे ही एक शख्स ने News18 इंडिया से कहा, ‘लोग बैठकर बयान दे देते हैं, लेकिन इसका असर यहां रहने वाले लोगों पर पड़ता है. कम से कम 5-6 हजार बच्चे यहां काम करते हैं. पर्यटक आने से डर रहे हैं, जिससे रोज़गार पर असर पड़ा है.’

एक अन्य शख्स ने कहा, ‘नेताओं का काम सिर्फ हिंदू-मुस्लिम करना नहीं है, यहां सभी समुदाय मिलकर रहते हैं. हम एक-दूसरे के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं.’ वहीं दूसरे शख्स ने कहा, ‘350 साल पहले क्या हुआ था, आज किसी को नहीं पता. सबसे अपील है कि भाईचारे को खराब न करें. सरकार का यह फर्ज़ है कि वह इसकी सुरक्षा करे और किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोके.’

स्थानीय लोगों ने मांग की कि जो भी बड़े नेता इस तरह के भड़काऊ बयान दे रहे हैं, उनके खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. फिलहाल, प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है और कोई भी अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं.

यह पहली बार नहीं है जब किसी दल की तरफ से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग या फिर धरना प्रदर्शन करने की बात कही गई है. हालांकि, हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी द्वारा मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ किए जाने से यह मामला एक फिर जोर-शोर से उठाया जाने लगा. अबू आजमी ने औरंगजेब को क्रूर शासक मानने से इनकार कर दिया था. अबू आजमी ने कहा कि था कि औरंगजेब के शासनकाल में भारत सोने की चिड़िया था. उसने मंदिर नहीं तोड़े, बल्‍क‍ि बनवाए. आजमी के इस बयान के बाद से राजनीति तेज हो गई. अबू आजमी को अपने बयान के लिए विरोध का सामना करना पड़ा. बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए माफी भी मांगी, लेकिन अब महाराष्ट्र से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग तेज हो गई है.

Umh News india

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