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जेल में बंद अतीक के बेटे के पास मिले नोट, डिप्टी जेलर और वॉर्डन सस्पेंड

प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली के पास से कैश बरामद हुआ है। अली जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है। मामले में डिप्टी जेलर कांति देवी और एक वॉर्डन संजय द्विवेदी को सस्पेंड कर दिया गया। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। हालांकि, जेल प्रशासन मामले को दबाए रहा। गुरुवार सुबह यह मामला सामने आया।

अली ने 30 जुलाई, 2022 को प्रयागराज जिला कोर्ट में सरेंडर किया था। तब से वह नैनी जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है। अली उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है। पुलिस ने हाल ही में अली को अतीक गैंग IS-227 का गैंग लीडर घोषित किया है।

नियंत्रण कक्ष प्रभारी हेड वॉर्डर संजय द्विवेदी ने वकील का सामान चेक किया था। बैरक में लगे कैमरों में अली खुद पैसे गिनते दिखाई दे रहा था। उसे कैमरे में डीजी जेल मीना ने देखा। बैरक की पूरी देखरेख के प्रभारी अंजनी कुमार गुप्ता हैं।

हाई सिक्योरिटी सेल की सुरक्षा की जिम्मेदारी डिप्टी जेलर कांति देवी और वॉर्डन संजय द्विवेदी की थी। हेड वॉर्डन संजय द्विवेदी ने वकील का सामान चेक किया।

फिर उसे अंदर जाने दिया। इसके बाद वकील ने अली से मुलाकात की। फिर जेब से 1100 रुपए निकालकर अली को पकड़ा दिए। अली इन पैसों को गिनते हुए बैरक में लगे CCTV में दिखाई दिया।

पूरी घटना लखनऊ मुख्यालय से CCTV से देखी जा रही थी। CCTV देखकर डीजी जेल ने तत्काल डीआईजी राजेश श्रीवास्तव को मामले की जांच करने और रिपोर्ट देने को कहा। लखनऊ से आदेश मिलते ही मंगलवार शाम को DIG राजेश श्रीवास्तव नैनी जेल पहुंचे। वहां अली की बैरक की जांच की गई तो कैश मिला। इसके बाद उन्होंने तुरंत हाई सिक्योरिटी सेल की सुरक्षा संभाल रहीं डिप्टी जेलर कांति देवी और जेल वॉर्डन संजय द्विवेदी को सस्पेंड कर दिया। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं। डिप्टी जेलर कांति देवी बरेली जेल से 6 महीने पहले ही नैनी सेंट्रल जेल में आई थी। वह 30 जून यानी 11 दिन बाद रिटायर होने वाली थीं।

इस मामले में वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने बताया- अली से मुलाकात के लिए एक वकील आया था। उसने अली को 1100 रुपए हाथों-हाथ दिए।

नियम के मुताबिक, जो पैसे दिए गए उसके बदले में अली को जेल से कूपन लेना चाहिए था, लेकिन कूपन न लेकर उसने वह पैसे अपने पास रख लिए। जेल में कैश रखने का नियम नहीं है।

सेंट्रल जेल में बंदियों को पैसे रखने पर मनाही है। ऐसे में बंदियों को पैसे के बदले कूपन दिया जाता है। जिससे वह जरूरत का सामान ले सकते हैं। यह कूपन काम करने वाले बंदियों को मिलता है। उस कूपन से वह जेल की कैंटीन से चाय नाश्ता खरीद सकते हैं। जेल मैनुअल के अनुसार, 100 रुपए से 500 तक का कूपन ही दिया जाता है। बाकी किसी बंदी के पास पैसे पाए जाते हैं, तो उस पर कार्रवाई की जाती है।

माफिया अतीक के 5 बेटों में सबसे बड़ा उमर लखनऊ जेल में बंद है। दूसरा बेटा अली नैनी जेल में है। जबकि तीसरे नंबर का बेटा असद एनकाउंटर में मारा गया था। दो बेटे अहजम और अबान प्रयागराज में पढ़ाई कर रहे हैं।

उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक के आईएस- 227 गैंग के खिलाफ ऑपरेशन चलाया गया था। इसमें गैंग के 200 से ज्यादा लोगों को जेल भेजा गया था। इनमें 60 से ज्यादा गैंग मेंबर नैनी जेल में बंद है।

Umh News india

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