Pahalgam Atnaki Hamla: पहलगाम में 26/11 जैसा हमला, कलमा पढ़ने को कहा
पहलगाम आतंकी हमले का पैटर्न मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले जैसा है. जब आतंकी आते हैं, नाम-धर्म और जाति पूछते हैं और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगते हैं. पहलगाम में तो आतंकियों ने टूरिस्टों को कलमा पढ़ने तक को कहा. यह तरीका आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) का है, जिसे अब लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने भी अपना लिया है. इसी तरह उन्होंने जम्मू कश्मीर में कई वारदातों को अंजाम दिया. माना जा रहा है कि आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा को बाधित करने के लिए यह कोशिश की है.
पहले भी आतंकियों ने किए ऐसे हमले
16 अगस्त 2022, शोपियां
आतंकियों ने सेब के बाग में काम कर रहे सुनील भट्ट का पहले नाम पूछा और गोलियों से भून दिया. तब माना गया कि आतंकी कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. उस वक्त कई कश्मीरी पंडितों को कत्ल किया गया.
आतंकियों ने एक स्कूल शिक्षक रजनी बाला की हत्या की. हमलावरों ने पहले उनकी पहचान और नाम की जांच की और फिर गोली मार दी गई. यह घटना भी कश्मीरी पंडित समुदाय को निशाना बनाने से जुड़ी थी.
26/11 मुंबई हमलों में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने नरीमन हाउस को निशाना बनाया. आतंकियों ने यहूदी समुदाय के लोगों को टारगेट किया. रब्बी गैव्रिएल होल्ट्जबर्ग और उनकी प्रेग्नेंट पत्नी रिवकाह की हत्या करा दी गई. डेविड हेडली की जांच से पता चला कि आतंकियों ने धार्मिक पहचान पूछकर गोली मारी थी. हालांकि, अन्य स्थानों पर उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी की. आईएस आतंकियों ने 14 दिसंबर 1993 को अल्जीरिया में क्रोएशिया के 12 टूरिस्टों की हत्या कर दी थी. तब आतंकियों ने बकायदा उनके धार्मिक पहचान की जांच की. उनका नाम पूछा. 2015 पेरिस हमले और 2019 श्रीलंका ईस्टर बम विस्फोट में भी ऐसी बातें सामने आईं.