पाकिस्तानी जासूसी कांड : कासिम और हसीन से पूछताछ में नए खुलासे हुए
पाकिस्तानी जासूसी कांड में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कासिम और उसके भाई हसीन को आमने-सामने बिठाकर अब पूछताछ हो रही है. अब स्पेशल सेल पाकिस्तानी नेटवर्क और पीआईओ यानी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) को दिए गए सिमकार्ड के बारे में जानकारियां इकट्ठा कर रही है.
पाकिस्तानी जासूस कासिम का भाई हसीन भी अब स्पेशल सेल की 5 दिन की रिमांड पर है. हसीन जासूसी के इस केस में एक बेहद अहम कड़ी है. ये समझने के लिए कि आखिरकार पाकिस्तान का ये डर्टी नेटवर्क कैसे काम करता है और कैसे लोगों को अपने जाल में फंसाता है.
दरअसल, राजस्थान के डीग इलाके का रहने वाला कासिम एक मौलाना है. वह 2 बार पाकिस्तान जा चुका है. जबकि उसका भाई हसीन भी पाकिस्तान गया है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण जानकारी ये है कि हसीन के नाम से जो मोबाइल नंबर था, उसे चालाकी से पाकिस्तान ले जाया गया और वहां पाक एजेंट्स उसका इस्तेमाल हनी ट्रैप और भारतीय खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए कर रहे थे.
जांच में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान के जरिए हिन्दुस्तानी नंबरों से फोन करके लोगों को ट्रैप करवाया जा रहा था ताकि लोग आसानी से ISI और PIO के बनाए जाल में फंसे. अब दिल्ली पुलिस की टीम हसीन और कासिम को आमने-सामने बैठकर इस पूरी साजिश से पर्दा उठाने की कोशिश करेगी. साथ ही साथ ये भी पता चल सकेगा कि आखिर मेवात में ये पाकिस्तान का जासूसी नेटवर्क कहां तक अपनी जड़े जमा चुका है.
कासिम पर जो खुफिया जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचाए जाने के आरोप लग रहे हैं, वो जानकारियां उसको कैसे हासिल हुई? क्या हसीन की भी कोई भूमिका थी? ये जानकारियों या महत्वपूर्ण दस्तावेज पहले कासिम और फिर कासिम या अन्य एजेंट्स के जरिए पाकिस्तान तक पहुंचता था. पुलिस अब ये भी पता करेगी कि आखिर हसीन की इस नेटवर्क में क्या भूमिका थी. उसे क्या टास्क दिया गया था, क्योंकि कासिम से पूछताछ में कई अहम जानकारियां पता चली हैं.