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निमिषा प्रिया को यमन में फांसी से बचाने सुप्रीम कोर्ट में याचिका

दिल्ली । केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में एक नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई है। अब उन्हें इस सजा से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल की ओर से लगाई गई है, जिसमें जल्द सुनवाई की मांग की गई है।

वकील ने बताया कि निमिषा को 16 जुलाई को यमन में फांसी दी जानी है। याचिका में केंद्र सरकार से यह मांग की गई है कि वह राजनयिक स्तर पर हस्तक्षेप करे और यमन सरकार से बातचीत कर सजा रुकवाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर जल्द सुनवाई करने पर सहमति दी है।

परिवार के लिए गई थी विदेश

निमिषा प्रिया, केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की रहने वाली हैं। वह 2008 में यमन गई थीं ताकि अपने गरीब माता-पिता की आर्थिक मदद कर सकें। पहले उन्होंने यमन के कई अस्पतालों में नर्स के तौर पर काम किया, फिर खुद का एक छोटा क्लिनिक खोल लिया। लेकिन 2017 में उनके यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी के साथ विवाद हुआ और आरोप है कि इसी दौरान निमिषा ने उनकी हत्या कर दी। तभी से वह जेल में बंद हैं।

यमन की अदालत ने सुनाई थी सजा

2020 में यमन की एक ट्रायल कोर्ट ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद नवंबर 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने भी इस फैसले को बरकरार रखा। हालांकि, कोर्ट ने ब्लड मनी यानी पीड़ित के परिवार को मुआवजा देकर सजा से राहत पाने का विकल्प खुला छोड़ा है।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया क्या है?

विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि सरकार को इस मामले की पूरी जानकारी है। उन्होंने बताया, हम जानते हैं कि प्रिया का परिवार कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है और सरकार उन्हें हरसंभव मदद देने की कोशिश कर रही है। यह बयान तब आया था जब यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने निमिषा की फांसी की सजा को मंजूरी दी थी।

बेटी को बचाने की हर मुमकिन कोशिश

प्रेमा कुमारी, निमिषा की मां, अपनी बेटी की मौत की सजा माफ करवाने के लिए हर दरवाज़ा खटखटा रही हैं। उन्होंने सरकार और सामाजिक संगठनों से मदद मांगी है ताकि उनकी बेटी को नया जीवन मिल सके।

Umh News india

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