कृषि- किसान

नवंबर नहीं, भारी बारिश के बीच लगा दें फूलगोभी की फसल

शाहजहांपुर : फूल गोभी की खेती वैसे तो किसान साल भर करते हैं. हालांकि खरीफ के सीजन में उगाई जाने वाली फूलगोभी की फसल से किसानों को डबल मुनाफा मिलता है.गौरतलब है कि जुलाई में लगाई हुई फूलगोभी जब तैयार होती है. तब बाजार में आवक कम होती है. हालांकि जुलाई में किसानों को फूलगोभी लगाने से पहले नर्सरी तैयार करनी होती है. नर्सरी तैयार करने के लिए जुलाई का यह समय बेहद ही उपयुक्त है. नर्सरी 20 से 25 दिन में तैयार हो जाती है. जिसके बाद किसान फूलगोभी की रोपाई कर सकते हैं. फूलगोभी फसल 60 से 65 दिनों में हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाती है.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात उद्यान वैज्ञानिक डॉ महेश कुमार ने बताया कि फूलगोभी की रोपाई से पहले किसान अच्छी तरह से नर्सरी तैयार करें. अगर स्वस्थ नर्सरी होगी तभी किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा. किसान वैज्ञानिक विधि अपनाएं. वैज्ञानिक विधि से तैयार की हुई नर्सरी के पौधे स्वस्थ होंगे किसानों को फसल से अच्छा उत्पादन मिलेगा.

बेड पर करें नर्सरी की बुआई
ज्यादातर किसान पारंपरिक तरीके से फूलगोभी की नर्सरी तैयार करते हैं. किसान खेत की जुताई करने के बाद क्यारी बनाकर फूलगोभी का बीज की रोपाई कर देते हैं. बारिश के मौसम में अगर किसान इस विधि से नर्सरी तैयार करते हैं. नर्सरी खराब हो सकती है. क्योंकि जल भराव होने से नर्सरी के पौधे सड़ सकते हैं. ऐसे में किसान बेड बनाकर फूलगोभी की नर्सरी तैयार करें.

शाहजहांपुर : फूल गोभी की खेती वैसे तो किसान साल भर करते हैं. हालांकि खरीफ के सीजन में उगाई जाने वाली फूलगोभी की फसल से किसानों को डबल मुनाफा मिलता है.गौरतलब है कि जुलाई में लगाई हुई फूलगोभी जब तैयार होती है. तब बाजार में आवक कम होती है. हालांकि जुलाई में किसानों को फूलगोभी लगाने से पहले नर्सरी तैयार करनी होती है. नर्सरी तैयार करने के लिए जुलाई का यह समय बेहद ही उपयुक्त है. नर्सरी 20 से 25 दिन में तैयार हो जाती है. जिसके बाद किसान फूलगोभी की रोपाई कर सकते हैं. फूलगोभी फसल 60 से 65 दिनों में हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाती है.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात उद्यान वैज्ञानिक डॉ महेश कुमार ने बताया कि फूलगोभी की रोपाई से पहले किसान अच्छी तरह से नर्सरी तैयार करें. अगर स्वस्थ नर्सरी होगी तभी किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा. किसान वैज्ञानिक विधि अपनाएं. वैज्ञानिक विधि से तैयार की हुई नर्सरी के पौधे स्वस्थ होंगे किसानों को फसल से अच्छा उत्पादन मिलेगा.

बेड पर करें नर्सरी की बुआई
ज्यादातर किसान पारंपरिक तरीके से फूलगोभी की नर्सरी तैयार करते हैं. किसान खेत की जुताई करने के बाद क्यारी बनाकर फूलगोभी का बीज की रोपाई कर देते हैं. बारिश के मौसम में अगर किसान इस विधि से नर्सरी तैयार करते हैं. नर्सरी खराब हो सकती है. क्योंकि जल भराव होने से नर्सरी के पौधे सड़ सकते हैं. ऐसे में किसान बेड बनाकर फूलगोभी की नर्सरी तैयार करें.

Umh News india

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