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खुर्जा के जेएएस इंटर कॉलेज में प्राइवेट टीचर चेक कर रहे थे कॉपी, 8 डिबार

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बुलंदशहर के खुर्जा स्थित जेएएस इंटर कॉलेज में स्थित मूल्यांकन केंद्र पर प्राइवेट शिक्षकों से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कराई जा रही थी। इस गड़बड़ी का खुलासा होते ही क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ ने बड़ी कार्रवाई की है।

जांच में सामने आया कि तीन परीक्षक—श्वेता शर्मा, देवदत्त शर्मा और प्रीति रानी—माध्यमिक शिक्षा विभाग में नियुक्त नहीं थे। वे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते थे और इनमें से एक शिक्षक कोचिंग सेंटर चलाता था। इसके बावजूद, उनसे कई विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जा रहा था।

स्टेटिक मजिस्ट्रेट बृजेंद्र सिंह को जब इस गड़बड़ी की गुप्त सूचना मिली, तो उन्होंने तुरंत केंद्र पर छापा मारा। पूछताछ के दौरान, आरोपी परीक्षक संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। केंद्र व्यवस्थापक नरेश कुमार शर्मा ने बिना अनुमति के ही इनकी ड्यूटी लगाई थी। जब मामला खुला, तो तीनों शिक्षक मौके से फरार हो गए।

स्टेटिक मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र व्यवस्थापक नरेश कुमार शर्मा, उप प्रधान परीक्षक विशंभर दयाल अवस्थी और सगीर अहमद समेत 8 लोगों को दोषी माना गया। सभी दोषियों को बोर्ड परीक्षाओं के कार्यों से 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया। डीआईओएस ने केंद्र व्यवस्थापक को तत्काल हटा दिया और नए प्रधानाचार्य की नियुक्ति कर दी। मूल्यांकन के लिए नए कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विवादों में रहने के बावजूद जेएएस कॉलेज को 2025 की परीक्षाओं के लिए फिर से परीक्षा केंद्र बना दिया गया।

यूपी बोर्ड के नियमों के मुताबिक, जिस कॉलेज पर कोई विवाद हो, उसे परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जा सकता। लेकिन अफसरों ने इस नियम को दरकिनार करते हुए फिर से इस कॉलेज को परीक्षा केंद्र बना दिया।

डीआईओएस विनय कुमार ने कहा- क्षेत्रीय कार्यालय के आदेशों के बाद केंद्र व्यवस्थापक व दो डीएचई को परीक्षाओं से हटा दिया गया है। जो तीन परीक्षक माध्यमिक शिक्षक नहीं थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्राइवेट शिक्षकों से मूल्यांकन कार्य कराना नियमों का उल्लंघन है, इसलिए यह कार्रवाई की गई है।

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