राबड़ी देवी को बंगला खाली करना पड़ेगा !
पटना. सत्ता परिवर्तन के बाद बिहार में केवल मंत्रिपरिषद ही नहीं बदला, बल्कि अब नेताओं के सरकारी ठिकानों का पता भी बदलने लगा है. राज्य सरकार के भवन निर्माण विभाग ने फैसला लिया है कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगला छोड़ना पड़ेगा. प्रशासन की ओर से इसके निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं और उनके लिए नया बंगला भी आवंटित कर दिया गया है. बता दें कि राबड़ी देवी विधान परिषद् में विपक्ष की नेता हैं और करीब 16 जनवरी 2006 से 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगले में रह रही थीं. अब सरकारी आदेश के तहत उन्हें हार्डिंग रोड स्थित केंद्रीय पूल आवास बंगला नंबर 39 में स्थानांतरित किए जाने का निर्णय हुआ है. भवन निर्माण विभाग ने कहा है कि विधान परिषद् में विपक्ष के नेता के लिए यह बंगला निर्धारित किया गया है. ऐसे में सवाल है कि जब वह पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं और वर्तमान में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी तो उन्हें बंगला क्यों खाली करना पड़ा. दरअसल, इसके पीछे की वजह तेजस्वी यादव का आठ साल पहले उठाया गया वह कदम है जो इस फैसले का कारण बना है.
जो लड़ाई शुरू की थी, वही भारी पड़ी
राबड़ी देवी के बंगले को लेकर राजद समर्थकों में यह चर्चा है कि राबड़ी देवी के पता में बदला होना सत्ता में बदलाव का असर है, लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी आदेश की जड़ अदालत का वह फैसला है जिसे तेजस्वी यादव ने खुद आगे बढ़ाया था. वास्तविकता तो यह है कि जिस ‘सिस्टम सुधार’ की लड़ाई तेजस्वी यादव ने लड़ी आज वही सिस्टम उनके परिवार के लिए कड़ा साबित हो गया है. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी को 10, सर्कुलर रोड का सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा तो इसकी वजह मौजूदा नीतीश सरकार नहीं, बल्कि उनके बेटे तेजस्वी यादव द्वारा दायर वह याचिका है जिसके आधार पर पटना हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी आवास देने की व्यवस्था खत्म कर दी थी.

