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मेरठ पुलिस लाइन में छत ढही, 8 दबे, सभी घरों के हालात देखे जाने के आदेश

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मेरठ , रात के 9 बज रहे थे। हम 8 लोग बैठकर खाना खा रहे थे। अचानक चरचराहट-सी आवाज हुई। देखते ही देखते घर की छत लोगों पर गिर गई। मेरे मम्मी-पापा, पत्नी, छोटे बच्चे दब गए। कुछ देर तक मानों मुझे होश नहीं रहा, देखा तो चारों तरफ मलबा था। मेरा पूरा परिवार उसमें दबा था। चीखें सुनकर पड़ोसी आए। टीमें पहुंची। हमें निकाला गया। हम लोगों के कपड़ों पर पूड़ी सब्जी, दाल लग गई। मां-पापा की हालत गंभीर है।

ये कहना है मेरठ पुलिस लाइन के सरकारी क्वार्टर की छत गिरने से घायल विशाल का। दरअसल, पुलिस लाइन में रविवार रात जर्जर छत भरभराकर गिर गई। मलबे में 8 लोग दब गए। पुलिस, फायर बिग्रेड और स्थानीय लोगों ने सभी को 30 मिनट में रेस्क्यू कर निकाल लिया। पास के सुशीला जसवंत राय अस्पताल ले गए। हादसा पुलिस लाइन गेट नंबर 5 के पास हुआ। इस मकान में सरकारी टेलर ओमकार परिवार के साथ रह रहे थे।

ओमकार के बड़े बेटे विशाल ने बताया- पुलिस लाइन के सरकारी क्वॉर्टर पी-16 नंबर मकान में हम परिवार संग रहते हैं। घर में पापा ओमकार, मम्मी सुमन, मैं विशाल, मेरी पत्नी पूनम, 3 बच्चे अयांश (7 साल), नित्या (5 साल) और चीकू (1 साल), छोटा भाई आकाश रहते हैं।

मेरी छोटी बहन कीर्ति की शादी हो चुकी है, उसके पति भी यूपी पुलिस में हैं। वो मुजफ्फरनगर में रहती हैं। हादसे की सूचना पर वो भी हॉस्पिटल आ गईं।

विशाल ने बताया- सभी 8 लोगों को अस्पताल लाया गया। मुझे तो हल्की चोट लगी। पापा ओमकार को ज्यादा चोट लगी है। उनकी नाक से काफी खून भी निकला। उन्हें अस्पताल के ICU में भर्ती कराया है। यहां किसी को उनसे मिलने नहीं दे रहे। मम्मी सुमन इमरजेंसी में भर्ती हैं। छोटा भाई आकाश के भी पैर में चोट है। उसको पट्‌टी की गई है।

अस्पताल में व्हीलचेयर पर बैठे ओमकार के छोटे बेटे आकाश ने बताया- मेरे पैर में काफी चोट आई है। पैर में पट्‌टी बंधी है। मकान पुराना है। थोड़ी बहुत टूट-फूट हो जाती है। वो ठीक करा लेते हैं। बाकी छत से पानी टपकने जैसा नहीं था। अभी बस पापा की कंडीशन थोड़ा सीरियस है। बच्चे भी मलबे में दब गए थे उनको भी कुछ चोट लगी है। बस पापा-मम्मी जल्दी से ठीक हो जाएं।

ओमकार की बड़ी बेटी कीर्ति रोते हुए अस्पताल पहुंची। कीर्ति को पड़ोसियो ने फोन करके बताया कि मकान गिर गया है। तुम्हारा पूरा परिवार दब गया है। जल्दी आ जाओ। इसके बाद कीर्ति और रिश्तेदार आनन-फानन मेरठ पहुंचे। अस्पताल में कीर्ति का रो-रोकर बुरा हाल था। कीर्ति कहती है कि मुझे पापा से मिलने नहीं दे रहे। मेरे मम्मी, पापा दोनों को चोट लगी है।

हादसे के बाद पुलिस लाइन के उस एरिया में काफी पुलिसबल तैनात किया गया है। बैरिकेडिंग भी लगाई गई है।

मौके पर एडीजी जोन भानु भास्कर, डीआईजी कलानिधि नैथानी, SSP डॉ. विपिन ताडा, SP ट्रैफिक राघवेंद्र सहित अन्य पुलिस अफसर भी पहुंचे। पुलिस अफसरों ने अन्य मकानों की भी स्थिति का निरीक्षण करने को कहा है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो। स्थानीय लोग लगातार प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जर्जर भवनों की सूची बनाकर जल्द कार्रवाई की जाए, जिससे किसी बड़े हादसे को टाला जा सके।

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