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स्कूल मर्जर न हो…इसलिए प्रिसिंपल ने खुद को बंधक बनवाया, निलंबित

बुलंदशहर में स्कूल मर्ज के विरोध में ग्रामीणों ने प्रिंसिपल और टीचर को बंधक बना लिया था। मामले में BSA की जांच में चौंकाने वाली बात सामने आई। स्कूल मर्ज से बचने के लिए प्रिंसिपल ने ही ये प्लान बनाया था।असल में प्रिंसिपल खुद किसी दूसरे स्कूल में नहीं जाना चाहता था।

इसलिए उसने ग्रामीणों को समझाया कि दूसरे स्कूल में जाना आपके बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। आप लोग मुझे स्कूल के अंदर बंद करके प्रदर्शन करो। जिसके बाद यहां से आपके बच्चों को दूसरे स्कूल नहीं भेजा जाएगा। प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है। मामला ऊंचागांव ब्लॉक के शकरपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय का है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया, जांच के दौरान टीम ने ग्रामीणों के बयान लिए गए। सबके बयान अलग-अलग थे। शक होने पर ग्रामीणों से सख्ती से पूछताछ की गई। इसके बाद उन्होंने बताया कि प्रिंसिपल अंकित कुमार ने उन लोगों से ऐसा करने को कहा था।

अंकित कुमार ने कहा था कि आपके छोटे-छोटे बच्चे इतनी दूर पढ़ने कैसे जाएंगे। गांव में स्कूल होने के बाद भी बच्चों को दूसरी जगह क्यों भेजना? आप लोग स्कूल शिफ्टिंग के दौरान मुझे और साथ में आए टीचर को बंधक बना लेना। जिसके बाद स्कूल मर्ज का काम रुक जाएगा और आपके बच्चों को कहीं नहीं जाना पड़ेगा। ग्रामीणों का कहना है, उन्होंने जो भी किया प्रिंसिपल अंकित के कहने पर ही किया।

8 जुलाई को विकासखंड ऊंचागांव के शकरपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं को शिक्षकों द्वारा नजदीकी गांव चठेरा के स्कूल में ले जाया जा रहा था। उसी समय करीब 50 के करीब ग्रामीणों ने स्कूल को घेर लिया। उन लोगों ने बच्चों को कहीं भी ले जाने से मना कर दिया। मौके पर विरोध-प्रदर्शन किया।

प्रिंसिपल अंकित और टीचर पिंकी को बंधक बना लिया। इस बात की जानकारी जैसे ही बड़े अधिकारियों को मिली तो मौके पर ABSA को मामला शांत कराने के लिए भेजा गया।

निलंबित शिक्षक अंकित कुमार ने बताया कि मेरा इसमें कोई रोल नहीं है। न ही मैंने ग्रामीणों को उकसाया और न ही मेरी तरफ से कोई षड्यंत्र रचा गया। मेरे खिलाफ लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।

बुलंदशहर में 145 विद्यालयों को अब तक मर्ज किया जा चुका बुलंदशहर में 145 विद्यालयों को अब तक मर्ज किया जा चुका है। इन्हें ‘मॉर्डन स्कूल’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी क्रम में शकरपुर के विद्यालय को भी मर्ज कर चठेरा गांव के विद्यालय से जोड़ा गया है।बाराबंकी में कुल 1862 सरकारी विद्यालय हैं। जिनमें से 509 ऐसे स्कूल हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या 50 से भी कम है। ऐसे विद्यालयों को मर्ज कर आधुनिक विद्यालयों में तब्दील किया जा रहा है।

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