SC का आदेश- संभल मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट नहीं खुलेगी, पुलिस- अफसरों पर FIR दर्ज करने की मांग
संभल की जामा मस्जिद मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आदेश दिया कि मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट नहीं खुलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से कहा कि 8 जनवरी तक केस में कोई एक्शन न लें। शांति जरूरी है। गुरुवार को संभल की शाही जामा मस्जिद की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। CJI की बेंच में इस पर सुनवाई हुई।
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस अफसरों पर FIR दर्ज कराने को लेकर एक और याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन महाराष्ट्र सचिव मोहम्मद यूसुफ ने दाखिल की है। उनका कहना है कि संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान विरोध में आई भीड़ पर एक पुलिस वर्दीधारी ने कहा कि सब लोग गोली चलाओ। इसके बाद अंधाधुंध गोली चलाते पुलिस को देखा गया, जिसमें 5 लोगों की मौत हो चुकी है। यह हादसा नहीं, हत्या है।
वहीं, शुक्रवार को जामा मस्जिद में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता ममलूकुर्रहमान बर्क नमाज पढ़ने पहुंचे। पुलिस ने जियाउर्रहमान बर्क को हिंसा भड़काने का आरोपी बनाया है। जुमे के दिन करीब एक हजार लोग नमाज पढ़ने पहुंचे।
इससे पहले, संभल की चंदौसी कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं हुई। एडवोकेश कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने कहा- 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा हो गई थी, इसलिए रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई। कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए 10 दिन का वक्त दिया है।
संभल हिंसा के मामलें में सुप्रीम कोर्ट के वकील और वादी हरिशंकर जैन और पार्थ यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल कर अपनी बात रखी है।
हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट से मांग की है कि अगर मुस्लिम पक्ष कोई भी याचिका दाखिल करता है तो बिना हिंदू पक्ष को सुने कोई भी आदेश न पारित किया जाए। कैविएट संभल के सिविल जज के 19 नवंबर के सर्वे आदेश से जुड़े मुकदमे को लेकर दाखिल की गई है।
इस मामले में मुस्लिम पक्ष भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में जल्द ही सिविल जज के फैसले के खिलाफ अपनी अर्जी दाखिल कर सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संभल मामले में मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाने को कहा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस अफसरों पर FIR दर्ज कराने को लेकर एक और याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन महाराष्ट्र सचिव मोहम्मद यूसुफ ने दाखिल की है। उनका कहना है कि संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान विरोध में आई भीड़ पर एक पुलिस वर्दीधारी ने कहा कि सब लोग गोली चलाओ। इसके बाद अंधाधुंध गोली चलाते पुलिस को देखा गया, जिसमें 5 लोगों की मौत हो चुकी है। यह हादसा नहीं, हत्या है।
संभल हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल यह दूसरी याचिका है। इससे पहले हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि संभल में पुलिस ने बर्बरता की है।