तौकीर रजा 28 साल पहले खाद के लिए 5 हजार रुपए का कर्ज, पहुंची रिकवरी टीम
बरेली हिंसा के आरोपी तौकीर रजा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। 5055 रुपए का लोन न चुकाने के मामले में उनके बरेली स्थित घर पर बैंक ने वसूली का नोटिस चस्पा किया है। तौकीर रजा को बदायूं जिला सहकारी बैंक ने 15 दिनों में कर्ज चुकाने का अल्टीमेटम दिया है।
बैंक अधिकारियों ने कहा- अगर 15 दिनों में कर्ज नहीं चुकाया तो उनकी जमीन को खोजकर नीलाम किया जाएगा। फिर उससे वसूली की जाएगी। दरअसल, तौकीर रजा ने 28 साल पहले खाद खरीदने के लिए 1997 में 5055 रुपए का लोन लिया था।
अब इस पर ब्याज सहित कुल बकाया 28, 346 रुपए हो गया है। बैंक ने गुरुवार को वसूली के लिए नोटिस चस्पा किया है। तौकीर रजा मूल रूप से बिनावर थाना क्षेत्र के करतौली गांव के रहने वाले हैं। मगर अब वो घर-जमीन बेचकर बरेली में बस चुके हैं।
जुड़े रिकॉर्ड बदायूं में भी खंगाले गए तो पता चला।
डीसीबी चेयरमैन जेके सक्सेना ने बताया कि तौकीर रजा पर बैंक का 28 हजार रुपये से अधिक बकाया है। बकाया राशि वसूलने के लिए अभी तक बैंक ने क्या कार्रवाई की है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। रिकवरी के लिए विधिक प्रक्रिया अमल में लाई जा रही।
15 दिन में ऋण अदायगी न होने पर होगी कार्रवाई
डीसीबी की रसूलपुर पुठी बीपैक्स समिति के सचिव की ओर से जारी यह अंतिम चेतावनी नोटिस है। तौकीर रजा के बरेली के बिहारीपुर ढाल इलाके में आला हजरत दरगाह के पास स्थित उनके आवास पर चस्पा किया गया। नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि 15 दिन में ऋण अदायगी न होने पर उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 95 (क) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
नोटिस के अनुसार, भू-राजस्व के बकाया की तरह एकमुश्त वसूली हेतु बीपैक्स द्वारा की जाने वाली उत्पीड़क कार्रवाई के लिए तौकीर स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्हें मूल धनराशि के साथ ब्याज और संग्रह शुल्क का भी भुगतान करना होगा। डीसीबी चेयरमैन जेके सक्सेना ने बताया कि यदि 15 दिन में लोन की रकम नहीं चुकाई गई, तो तौकीर की जमीन तलाश कर उसे नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बरेली में 26 सितंबर को जुमे पर ‘आई लव मोहम्मद’ को लेकर बवाल के बाद इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को बरेली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हिंसा के बाद एक कार्यक्रम में CM योगी ने एक कार्यक्रम में कहा- मौलाना भूल गया कि शासन किसका है? वो मानता था कि धमकी देंगे और जबरदस्ती जाम कर देंगे। हमने कहा कि जाम नहीं होगा। कर्फ्यू भी नहीं लगने देंगे। ऐसा सबक सिखाएंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ियां दंगे करना भूल जाएंगी।