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40 बड़े शहरों को समंदर निगलने को तैयार! अब ऊंची दीवारें भी नहीं बचा पाएंगी

दिल्ली: दुनिया के नक्शे से कई बड़े और खूबसूरत शहर मिटने वाले हैं. कुदरत ने अपना सबसे खतरनाक रूप दिखाने की तैयारी कर ली है. शंघाई, कराची और ढाका जैसे शहरों पर अब ‘जल समाधि’ का खतरा मंडरा रहा है. एक नई और डरावनी रिसर्च सामने आई है. इसमें वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि समुद्र के किनारे बसे डेल्टा शहर अब सुरक्षित नहीं हैं. जमीन लगातार धंस रही है और समुद्र का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. यह कॉम्बिनेशन किसी परमाणु बम से कम नहीं है. अगर इन शहरों ने अपनी सुरक्षा के तरीके नहीं बदले, तो यहां न्यू ऑरलियन्स जैसी तबाही मच सकती है. याद रहे 2005 में हरिकेन कैटरीना ने न्यू ऑरलियन्स को तबाह कर दिया था. अब वही खतरा एशिया के बड़े शहरों पर है.

‘वन अर्थ’ (One Earth) जर्नल में छपी इस स्टडी ने सबको चौंका दिया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि शंघाई जैसे शहर सिर्फ ऊंची दीवारों और बांधों के भरोसे बैठे हैं. लेकिन अब यह काफी नहीं है. क्लाइमेट चेंज के कारण खतरा कई गुना बढ़ गया है. लेखकों ने चेतावनी दी है कि जब बड़े समुद्री तूफान आएंगे, तो ये दीवारें ताश के पत्तों की तरह ढह जाएंगी. इसके बाद जो बाढ़ आएगी, उसे ‘पोल्डर फ्लड’ (Polder Flood) कहा जाता है. यह सामान्य बाढ़ नहीं होती. इसमें पानी शहर के अंदर भर जाता है और बाहर नहीं निकल पाता.

साधारण बाढ़ में पानी आता है और ढलान के कारण बहकर निकल जाता है. लेकिन डेल्टा शहरों में ऐसा नहीं होगा. ये शहर समुद्र के लेवल से नीचे जा रहे हैं. जब सुरक्षा दीवारें या डाइक (Dyke) टूटते हैं, तो पानी शहर में भर जाता है. शहर एक ‘कटोरे’ जैसा बन जाता है. गुरुत्वाकर्षण (Gravity) के कारण पानी बाहर नहीं जा पाता. वह पानी तब तक वहीं भरा रहेगा जब तक कि टूटी हुई दीवारों को ठीक न किया जाए और मशीनों से पानी को बाहर न निकाला जाए. इसे ही ‘पोल्डर इफेक्ट’ कहते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया के प्रोफेसर रॉबर्ट निकोल्स कहते हैं, ‘जब सुरक्षा दीवारें फेल होती हैं तो पोल्डर इफेक्ट की तबाही को लोग कम आंकते हैं. यह बहुत खौफनाक होता है.’

किन शहरों पर है सबसे ज्यादा खतरा?

  • रिसर्च में 40 बड़े डेल्टा शहरों की लिस्ट बनाई गई है. इनमें करीब 30 करोड़ लोग रहते हैं. ये सभी लोग ‘कंपाउंड फ्लडिंग’ के खतरे में हैं. लिस्ट में चीन के शंघाई, निंगबो और ग्वांगझू सबसे ऊपर हैं.
  • इसके अलावा म्यांमार का यांगून, बांग्लादेश का ढाका, पाकिस्तान का कराची और अमेरिका का न्यू ऑरलियन्स भी हाई रिस्क जोन में हैं. दुनिया के 7 सबसे बड़े डेल्टा में से हर एक में कम से कम एक बड़ा शहर ऐसा है जो इस खतरे की जद में है.
  • वैज्ञानिकों ने सिर्फ चेतावनी नहीं दी, बल्कि सबूत भी दिए हैं. उन्होंने शंघाई के लिए एक डिजिटल मॉडल तैयार किया. इसमें पिछले 50 सालों के सबसे खतरनाक 10 तूफानों का डेटा डाला गया. फिर यह देखा गया कि अगले 75 सालों में हालात कैसे बदलेंगे.
  • नतीजा बेहद डरावना था. सह-लेखक मिन झांग कहते हैं, ‘हमने पाया कि साल 2100 तक एक बड़े तूफान में डूबने वाला इलाका 80 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.’ इसका मतलब है कि पूरा शहर पानी में डूब सकता है.
Umh News india

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