बसंत पंचमी के अवसर पर मृगन्नाथ धाम पर रही भक्तों की भारी भीड़
देवरी रायसेन (ललित लोधी)। देवरी क्षेत्र के समीपस्थ विध्याचल पर्वत से घिरा हुआ प्राचीन शिव मंदिर जहा पर बसंत पंचमी एवं महाशिवरात्रि पर बहुत बड़ मेंला लगता है बुधवार को बसंत पंचमी के अवसर पर मृगनाथ धाम पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिनी मुका से ही मृगनाथ धाम पर भक्तों का पहुंचना प्रारंभ हो गया था जो की देर शाम तक चलता रहा ऐसा माना जाता है कि मृगनाथ धाम एक प्राचीन शिव मंदिर है जहां पर शिव अपने आप प्रकट हुए थे जहा एक ग्बाले को सबसे पहले इस मंदिर के बारे में पता चला था जब उसने यह चत अपने आसपास के गाव वालो को बताई तो जहा पर जब से हा यहा लोगो आना प्रारंभ हुआ है
यहा को मानता है को जो भी भक्त सच्चे मन से यहां पर जो भी मांग लेता है उसको भन्नकामना पूरी हो जाती है मृगनाथ जाने के लिए दो रास्ते है जो एक देवरी से लगभग 15 किलोमीटर दूर शिंकरा होते हुए मृगवाथ धाम जाया जा सकता है दूसरा मिलत्रानने से पहाड़ों को पार कर कर मंदिर जाया जाता है लगभग 7 किलोमीटर की दुर्गम पहाड़ी को पर कर लोग मंदिर तक पहुंच पाते है बवक मंदिर तक जने के लिए कोई भी सुगम दस्ता नहीं है मांदर जाने के लिए पहाड़ों की पगड़िया से गुजाते हुए शिव के दरवार में पहुंचा नाता भक्त प्रति वर्ष बसंत पचमी एवं नहाशवरात्रि पर मोदर पहुंचते है और शिव का नर्मदा जल से अभिषेक करते हैं चसत पंचमी के अवसर पर भी उदयपुरा एवं देवरी सिलवाने क्षेत्र के आसपास से बड़ी संख्या में ग्रामीण लोग मृगन्नाथ मदिर पहुंचने है जहा पर बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर बाबा का नर्मदा जल में अभिषेक करते है नृमनाथ से नीचे मेले का भी आयोजन किया जाता है यह पर हर प्रकार की दुकान व्यापारयों के द्वारा लगाई जती है