सच्ची भक्ति वही है, जो निस्वार्थ प्रभु की भक्ति करें : पंo दिवाकर शास्त्री
वाराणसी, चौक थाना अंतर्गत राजा दरवाजा स्थित श्री राम जानकी मंदिर में आज भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास ज्ञान मूर्ति पं, दिवाकर शास्त्री जी ने भावपूर्ण शैली में दूसरे अध्याय का रस पान कराया,और उन्होंने यह बताया कि सच्ची भक्ति वही है, जो निस्वारथ निसार भाव से प्रभु की आराधना करें, वह समर्पित होता है,इस कथा के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया कि धर्म अर्थ काम और मोक्ष कभी सार्थक है जब वह भगवान की भक्ति से जुड़े हो,पं, शास्त्री जी ने उदाहरण देते हुए समझाया कि जैसे दीपक अंधकार मिटाता है, श्रवण अज्ञान का नाश करता है, और हृदय को प्रकाश मय बनाता है , यह सब कथा बाते सुनकर श्री राम जानकी मंदिर के परिसर में वातावरण भाव विभोर हो गया, व्यास पीठ शास्त्री जी ने यह भी दर्शाया भागवत कथा श्रवण करना आत्मा की शुद्धि मन की शांति और ईश्वर के साथ गहरे संबंध स्थापित करने का सरल मार्ग है, शास्त्री जी ने यह भी कहा कि भगवान की कथा सुनने से हृदय में भिन्न नर्मदा आती है, शास्त्री जी ने भागवत कथा में यह भी बताया कि भागवत कथा धार्मिक आयोजन के साथ ही बल्कि यह मानव जीवन के हर पहलू को छूने वाला दिव्य ग्रंथ है ,
इस अवसर पर महामंडलेश्वर रामशरण त्यागी, संजय केसरी, विवेदी पांडे, प्रदीप मानसिंधा, ओम प्रकाश गुप्ता, शिव कुमार रस्तोगी(पप्पू), राधेश्याम गुप्ता,नयन श्री केसरी, शिव प्रकाश गुप्ता सहित राजा दरवाजा के आसपास के क्षेत्र से काफी संख्या में महिला, पुरुष, बुजुर्ग, बच्चों सहीत कई समाज सेवक और सम्मानित लोग उपस्थित रहे मंदिर परिसर भीड़ से पूरा भरा हुआ था ,