उन्नाव : सर तन से जुदा के नारे लगाए; पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ा
‘आई लव मोहम्मद’ विवाद को लेकर उन्नाव में रविवार रात बवाल हो गया। यहां कानपुर की घटना के विरोध में जुलूस निकाल रहे लोगों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो नारेबाजी शुरू हो गई।
कोतवाली प्रभारी अजय कुमार सिंह ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, लोग गुस्ताख-ए-नबी की एक ही सजा… जैसे धार्मिक नारे लगाने लगे। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की। फिर पथराव कर दिया। गंगाघाट कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह की वर्दी के स्टार भी नोच लिए गए।
हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे मौके पर भगदड़ मच गई। बवाल की सूचना पर गंगाघाट, सदर कोतवाली, अचलगंज कोतवाली से फोर्स मंगवाई गई। साथ ही दंगा नियंत्रण वाहन और पीएसी के जवान भी तैनात किए गए।
बीघापुर के सीओ मधुपनाथ मिश्र और सीओ सफीपुर सोनम सिंह ने भी मौके का जायजा लिया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घटना में शामिल 6 को हिरासत में ले लिया है। जुलूस बिना परमिशन लिए निकाला गया था। क्षेत्र में तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है। मामला गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के रविवार मनोहर नगर का है।
बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष निकाल रहे थे जुलूस बवाल रविवार रात करीब पौने नौ बजे शुरू हुआ। मनोहर नगर में कुछ लोग आई लव मोहम्मद के समर्थन में जुलूस निकाल रहे थे। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल थे। पुलिस ने लोगों को रोकने की कोशिश की तो लोगों ने विरोध किया। पुलिस ने समझाया तो धक्का-मुक्की करने लगे।
इंस्पेक्टर की वर्दी से बिल्ला नोच लिया। इसके बाद पुलिस ने बवाल कर रहे 6 लोगों को हिरासत में लिया। इससे परिजन और समर्थक बवाल शुरू कर दिया। मौके पर करीब 100 से अधिक लोग जुट गए।
100 लोग इकठ्ठा हो गए, नारेबाजी करने लगे हालात गंभीर होते देख अचलगंज और गंगाघाट थाना क्षेत्र की पुलिस को बुला लिया गया। क्विक रेस्पॉन्स टीम (QRT) भी मौके पर पहुंची। इनमें से कुछ ने पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति को बिगड़ते देख पुलिस को लाठी चलानी पड़ी। लोग इधर-उधर भागने लगे। महिलाओं ने रोकने की कोशिश की तो पुलिस से बहस होने लगी।
सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट से हुआ बवाल शुरुआती जांच में सामने आया कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और उसके बाद निकाले गए जुलूस के चलते तनाव फैला। वहीं, हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल, हालात काबू में हैं। इलाके में पुलिस फोर्स तैनात है। अचलगंज, गंगाघाट समेत अन्य संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। शांति बनाए रखें।
ASP उत्तरी अखिलेश सिंह ने बताया- शहर में धारा 163 लगी है। आज सूचना मिली कि गंगाघाट थाना क्षेत्र में कुछ लोग एकत्रित हुए थे। पुलिस ने उन्हें हटाया तो अभद्रता हुई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर हालात को काबू में किया। मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है। जांच के बाद आगे कार्रवाई होगी।
अब जानिए कि कानपुर में 4 और 5 सितंबर को क्या हुआ? रावतपुर के सैय्यदनगर में 4 सितंबर को बारावफात पर चल रहे रोशनी के कार्यक्रम में ‘आई लव मोहम्मद’ का साइन बोर्ड लगाया गया। 5 सितंबर को इलाके में रहने वाले हिंदू संगठन के लोगों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था- ‘आई लव मोहम्मद’ का साइन बोर्ड पहले कभी भी नहीं लगाया गया। यह नई परंपरा है। इसे बंद होना चाहिए।
इसको लेकर हिंदू-मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोग आमने-सामने आ गए। इसके बाद पोस्टर और बैनर फाड़े गए। दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी हुई। पुलिस ने 2 घंटे की मशक्कत से हालात को संभाला। 10 सितंबर को रावतपुर थाने में तैनात दरोगा पंकज शर्मा की तहरीर पर 12 नामजद समेत 25 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। FIR दर्ज होने की खबर तेजी से फैल गई।
शारदानगर में 19 सितंबर की दोपहर मुस्लिम समुदाय के गुस्साए लोगों ने FIR को वापस लेने की मांग करते हुए जुलूस निकाला। लोगों ने इस दौरान शासन के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों का कहना था कि क्या अब अपने पैगंबर का नाम लिखना भी गलत हो गया? ये FIR गलत हुई है। पुलिस को इसे वापस लेना चाहिए। कोई बेगुनाह अगर जेल भेजा गया, तो आंदोलन किया जाएगा।
ओवैसी की पोस्ट के बाद यूपी के अलग-अलग शहरों में मुस्लिमों ने प्रदर्शन शुरू किए। बरेली में आई लव मोहम्मद के पोस्टर लगे। लखनऊ में विधानसभा के सामने सपा महिला नेता ने गिरफ्तारी दी। आगरा, भदोही समेत 30 शहरों में लोग सड़क पर उतरे। सब यही चाहते हैं कि कानपुर में जिन लोगों के खिलाफ FIR हुई, उसे वापस लिया जाए।