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यूपी का युवक आतंकी हमले करना चाहता था-ATS का दावा

उत्तर प्रदेश में आतंकी संगठन अल-कायदा के मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। गुजरात ATS ने चार आतंकियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। बुधवार को ATS ने बताया- दो आतंकी गुजरात, एक दिल्ली और एक नोएडा से पकड़े गए हैं। ये चारों नकली नोटों के रैकेट और आतंकी संगठन की विचारधारा को फैलाने में शामिल थे।

नोएडा के आरोपी का नाम जीशान अली है। वह सेक्टर 63 का रहने वाला है। चारों आरोपी अल कायदा के अल कायदा इन इंडियन सब कॉन्टीनेंट (AQIS) से जुड़े बताए जा रहे हैं। ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और कुछ संदिग्ध ऐप्स के जरिए लोगों को अल-कायदा से जोड़ने के काम में सक्रिय थे। सोशल मीडिया के जरिए लड़ाके भर्ती कर रहे थे।

गुजरात एटीएस को इनके पास से कुछ सोशल मीडिया हैंडल और चैट भी मिले हैं। साइबर टीम भी इसकी जांच में जुटी हुई है। एटीएस को यह भी जानकारी मिली है कि चारों मैसेजेज को ऑटो-डिलीट करने वाली एप्लिकेशन का भी इस्तेमाल कर रहे थे।

सुरक्षा एजेंसियों को इनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर देश विरोधी और उकसाऊ पोस्ट मिलने के बाद इन पर नजर रखी जा रही थी। लंबे समय से की जा रही तकनीकी और फील्ड निगरानी के बाद एटीएस ने सटीक कार्रवाई करते हुए चारों को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है। एटीएस के मुताबिक आरोपियों की उम्र 20 से 25 साल के बीच है और ये भारत में आतंकी हमलों की साजिश रच रहे थे। इन आतंकियों को कुछ खास और संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाने के निर्देश दिए गए थे। ये चारों आतंकी सोशल मीडिया ऐप्स के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। जांच में यह भी सामने आया है कि इनका संपर्क सीमा पार बैठे आतंकियों से भी था।

गुजरात एटीएस और केंद्रीय एजेंसियां अब इनके नेटवर्क, फंडिंग, ट्रेनिंग और विदेशी संपर्कों की कड़ियों को जोड़ने में जुटी हैं। इनसे पूछताछ के बाद और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

आरोपी जीशान नोएडा में ललियाना गांव का रहने वाला है। वह छिजारसी स्थित मेन रोड पर ‘सैनिक कम्युनिकेशन’ नाम की दुकान पर अक्सर आता था। यहां वह घंटों बैठता था। स्थानीय जान मोहम्मद से दैनिक भास्कर ने बात की। उन्होंने बताया, ATS की टीम आई थी, वो जीशान को मंगलवार दोपहर 1:30 बजे के करीब पकड़ कर ले गई।

वह दुकान पर अक्सर बैठा नजर आता था। काफी देर तक खड़ा रहता था। वह लोगों से छिपकर मोबाइल बातचीत करता था। हमारे मोबाइल पर भी कॉल करता था। करीब 30 दिन पहले उसने दुकान के पास ही किराए पर कमरा लिया था।

दिल्ली का मोहम्मद फैक मास्टरमाइंड डीआईजी सुनील जोशी ने बताया, गुजरात एटीएस ने इंस्टाग्राम के ज़रिए पाकिस्तान से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफ़ाश किया है। दिल्ली के मास्टरमाइंड मोहम्मद फैक समेत चार संदिग्धों को युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, जिहाद को बढ़ावा देने और देश-विरोधी गतिविधियों की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। तलवारें, अल-क़ायदा सामग्री और आपत्तिजनक पोस्ट ज़ब्त किए गए हैं। दिल्ली पुलिस, यूपी एटीएस और केंद्रीय एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से उन्हें 14 दिनों की रिमांड पर लिया गया है। फंडिंग से जुड़े संबंधों की जांच की जा रही है।

फैक पाकिस्तान के संपर्क में था सुनील जोशी ने बताया, गुजरात एटीएस के डिप्टी एसपी हर्ष उपाध्याय को 10 जून को सूचना मिली कि 5 इंस्टाग्राम अकाउंट हैं, जो देश में अल कायदा की विचारधारा का प्रचार कर रहे हैं। टीम ने 4 आरोपियों- फरदीन शेख, मोहम्मद फैक, जीशान अली, सेफुल्लाह की पहचान की गई। जांच में पता चला कि ये न सिर्फ सोशल मीडिया पर बल्कि ग्राउंड पर उतरकर देश विरोधी काम कर रहे हैं। हमने उनके फोन का बहुत सारा डेटा चेक किया। वे पूरे भारत में अल कायदा के कंटेंट प्रसारित कर रहे थे। कहते थे कि भारत में लोकतंत्र की जगह शरीयत का बोलबाला है। मोहम्मद फैक कुछ पाकिस्तानी इंस्टाग्राम अकाउंट्स के संपर्क में था, जिनसे उसे जिहादी गतिविधियों के लिए सामग्री मिलती थी।

फरदीन के पास ऑपरेशन सिंदूर के दस्तावेज मिले डीआईजी ने बताया, यूएपीए की धारा 13, 18, 38, 39 और बीएनएस की धारा 113, 152, 196 और 68 के तहत एफआईआर दर्ज की है। सैफुल्लाह और फरदीन को आज कोर्ट में पेश किया गया और उन्हें 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। बाकी दो आरोपियों को कल कोर्ट में पेश किया जाएगा। हमें फरदीन से ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।

अल-कायदा का अरबी में मतलब ‘आधार’ होता है। 1980 के दशक में अफगानिस्तान पर सोवियत संघ का कब्जा था, उस दौर में सोवियत संघ को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए कई संगठन बने। इन संगठनों को अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन था। इनमें से एक अल-कायदा भी था। ओसामा बिन लादेन ने इसका गठन किया था। उसे सोवियत संघ के खिलाफ लड़ रहे मुजाहिद्दीनों का भी समर्थन था।

भारत में आतंकी संगठन AQIS कितना एक्टिव दिल्ली में 2015 में तीन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद AQIS की भारत में मौजूदगी का पहली बार पता चला था। दिल्ली पुलिस ने बाद में AQIS के आतंकी मौलाना अब्दुल रहमान कासमी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दावा किया कि इस आतंकी संगठन ने झारखंड के जंगलों में ट्रेनिंग कैंप बना रखा है।

Umh News india

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