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बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में आधी रात छात्राओं का हंगामा

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झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में सोमवार आधी रात को गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं ने हंगामा कर दिया। कुलपति आवास का घेराव करने जा रही छात्राओं को हॉस्टल के मेन गेट पर रोक दिया। छात्राएं गेट पर ही धरने पर बैठ गईं। नारेबाजी करने लगीं।

छात्राओं का आरोप है- हॉस्टल के बाथरुम के गेट बंद नहीं होते। मेस का खाना बहुत घटिया क्वालिटी का है। खाने के अंदर कीड़े, सुपारी, कील निकलती है। हर रोज की स्थिति यही है। देर रात 2 बजे तक प्रदर्शन जारी रहा।

छात्राएं कुलपति को मौके पर बुलाने और वार्डन अर्चना पांडेय को हटाने की मांग पर अड़ी रहीं। यूनिवर्सिटी प्रबंधन उनको समझाने का प्रयास करता रहा।

झलकारीबाई गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली एक छात्रा की रविवार रात 11 बजे अचानक तबीयत बिगड़ गई। सीनियर छात्राओं ने यूनिवर्सिटी की एम्बुलेंस बुलाई, लेकिन एम्बुलेंस नहीं आई। वार्डन को फोन लगाया तो कोई जवाब नहीं मिला। बीमार छात्रा को ऑटो से अस्पताल ले जाकर इलाज कराया।

छात्राओं ने बताया कि वार्डन को कई बार फोन किया गया था। उन्होंने दवा खाकर आराम करने की बात कही। यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी अगर कोई बीमार हो जाता था, तब भी एम्बुलेंस नहीं मिला। वार्डन अंचला पांडेय ने सुनवाई नहीं की।

इससे आक्रोशित छात्राओं ने रात को ही वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। सुबह तक कोई नहीं आया। रात को मैस के खाने में कीड़े निकल आए तो छात्राओं का गुस्सा भड़क गया। छात्राएं एकत्र होकर कुलपति आवास की ओर जाने लगीं। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने मुख्य गेट को बंद कर दिया गया।

छात्राएं बोलीं-सुनवाई नहीं होने पर सड़क उतरी हूं छात्राओं के प्रदर्शन की सूचना पर परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर, चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके सैनी मौके पर पहुंचे। छात्राओं की समस्या पूछी और समाधान करने का भरोसा दिया। लेकिन छात्राओं ने उनकी एक सुनी। छात्राओं का कहना था कि वो काफी दिन से परेशानी झेल रही हैं। पहले भी 3 दिन भूख हड़ताल की, मगर कुछ नहीं हुआ। इसलिए आज सड़क पर उतरना पड़ा।

छात्राओं ने 5 समस्याएं गिनाईं

  • गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में कुंडी बंद नहीं होती। गेट बंद नहीं होने से छात्राओं को परेशानी होती है।
  • मैस में घटिया क्वालिटी का खाना बनाया जाता है। कभी कीड़े तो कभी कील या फिर सुपारी निकलती है। हाईजन का भी बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाता।
  • गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन का बर्ताव ठीक नहीं है। कोई समस्या बताए तो वो सुनती नहीं हैं और डांटती रहती है। उनको तत्काल हटाया जाए।
  • रात को किसी छात्रा की तबीयत खराब हो जाए तो वार्डन फोन नहीं उठाती। एंबुलेंस भी नहीं मिलती, सरकारी एंबुलेंस को भी नहीं बुलाने दिया जाता। ये बड़ी समस्या है।
  • गर्ल्स हॉस्टल के 4 फ्लोर पर सिर्फ दो वॉटर कूलर है। पर्याप्त पानी की व्यवस्था नहीं है। पानी लेने दूसरी हॉस्टल में जाते हैं तो वॉर्डन गुस्सा होती हैं।

कल कुलपति मीटिंग कर समाधान निकालेंगे चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके सैनी का कहना है कि रात को गार्ड का फोन आया कि हॉस्टल की छात्राएं हंगामा करते हुए कुलपति आवास की ओर जा रही हैं। इसके बाद मौके पर पहुंचा। छात्राओं से बात की। अभी कुलपति बाहर हैं। उन्होंने छात्राओं को मंगलवार दोपहर 12 बजे बुलाया है।

इस बातचीत के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 3 एक्शन लिए…

1. वार्डन अंचला को हटा दिया गया। डॉ. सोमा अनिल मिश्रा को वार्डन का प्रभार सौंपा गया।

2. जांच के लिए 3 शिक्षकों की कमेटी बना दी गई है।

3. एंबुलेंस नहीं आने की जांच से भी अंचला को हटा दिया गया।

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