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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, नसों की इस बीमारी से जूझ रहे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी (Chronic Venous Insufficiency) नामक बीमारी से जूझ रहे हैं. मेडिकल चेकअप में ट्रंप की इस बीमारी का पता चला है. व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि 79 साल के राष्ट्रपति ट्रंप के पैरों में सूजन और चोट की वजह से उनका चेकअप किया गया था. इस चेकअप में CVI डिजीज डायग्नोज हुई है. ट्रंप को लेकर जैसे ही यह खबर सामने आई, वैसे ही हर कोई इस बीमारी के बारे में जानना चाहता है. आखिर क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी क्या है और इससे लोगों को किस तरह की परेशानी हो जाती है?

क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी (CVI) एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें पैरों की नसें सही तरीके से खून को वापस हार्ट तक नहीं पहुंचा पाती हैं. सामान्य रूप से नसों में छोटे-छोटे वाल्व होते हैं, जो खून को हार्ट की तरफ फ्लो कराते हैं. अगर ये वाल्व डैमेज हो जाएं या कमजोर पड़ जाएं, तो खून नीचे की ओर लौट सकता है और पैरों में जमा हो सकता है. इससे CVI की कंडीशन पैदा हो जाती है. इसकी वजह से पैरों की नसों में दबाव बढ़ जाता है और पैरों में सूजन के अलावा अल्सर होने लगते हैं. यह बीमारी बहुत खतरनाक नहीं होती है, लेकिन काफी दर्दनाक हो सकती है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी (Chronic Venous Insufficiency) नामक बीमारी से जूझ रहे हैं. मेडिकल चेकअप में ट्रंप की इस बीमारी का पता चला है. व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि 79 साल के राष्ट्रपति ट्रंप के पैरों में सूजन और चोट की वजह से उनका चेकअप किया गया था. इस चेकअप में CVI डिजीज डायग्नोज हुई है. ट्रंप को लेकर जैसे ही यह खबर सामने आई, वैसे ही हर कोई इस बीमारी के बारे में जानना चाहता है. आखिर क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी क्या है और इससे लोगों को किस तरह की परेशानी हो जाती है?

क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी (CVI) एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें पैरों की नसें सही तरीके से खून को वापस हार्ट तक नहीं पहुंचा पाती हैं. सामान्य रूप से नसों में छोटे-छोटे वाल्व होते हैं, जो खून को हार्ट की तरफ फ्लो कराते हैं. अगर ये वाल्व डैमेज हो जाएं या कमजोर पड़ जाएं, तो खून नीचे की ओर लौट सकता है और पैरों में जमा हो सकता है. इससे CVI की कंडीशन पैदा हो जाती है. इसकी वजह से पैरों की नसों में दबाव बढ़ जाता है और पैरों में सूजन के अलावा अल्सर होने लगते हैं. यह बीमारी बहुत खतरनाक नहीं होती है, लेकिन काफी दर्दनाक हो सकती है.

CVI की समस्या को इलाज के जरिए पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन इस परेशानी को कंट्रोल करना संभव है. लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे- नियमित वॉक करना, पैरों को ऊंचा रखना और हेल्दी वेट मेंटेन करने से यह बीमारी कंट्रोल हो सकती है. कंप्रेशन स्टॉकिंग्स पहनने से नसों पर दबाव डाला जाता है, जिससे ब्लड फ्लो नॉर्मल हो जाता है. एंटीबायोटिक्स, खून पतला करने की दवाएं और मेडिकेटेड रैप्स जैसी दवाइयों से इसे कंट्रोल किया जाता है. स्क्लेरोथेरेपी यानी इंजेक्शन द्वारा नस बंद करना, एंडोवेनस एब्लेशन और कुछ मामलों में नस की सर्जरी भी की जाती है. इस बीमारी का ट्रीटमेंट मरीज की कंडीशन पर काफी हद तक डिपेंड करता है.

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