वडोदरा : कोली गांव मनेगा देवताओं का घोड़ा परिवर्तन उत्सव
वडोदरा (हसमुख वारिया), 75 साल बाद यह गांव देवताओं की पीढ़ी बदलने का जश्न मनाने जा रहा है।
वहीं पूरे गांव के लोगों में काफी उत्साह है.
इन देवताओं के घोड़ों को प्राप्त करने की प्रक्रिया में ग्रामीण बड़े उत्साह से भाग लेते हैं।
जिस कुम्हार ने देवताओं के घोड़े बनाने का आदेश दिया है, उस कुम्हार के घर से देवताओं के घोड़े लेते समय, वे प्रत्येक घोड़े को पीट-पीटकर जांचते हैं, उसके बाद ही घोड़े ग्रामीणों द्वारा स्वीकार किए जाते हैं।
गांव में रूडो वासर आ गया है, गांव के लोग लाखों की लागत से गांव के साईं देवों के पीढ़ी परिवर्तन का जश्न मना रहे हैं.
आदिवासी बहुल छोटाउदेपुर जिले के कोली गांव के लोग पीढ़ी परिवर्तन उत्सव में शामिल होने पहुंचे.
साथ ही इस महोत्सव में उन्होंने कहा कि सरकार हमारे आदिवासियों के रीति-रिवाजों को बदलने की कोशिश कर रही है और हमें लूटने या ठगने का जो काम चल रहा है उसे हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा और हमारी एक अलग पहचान बनाई जाएगी. हमारा आदिवासी समाज, हम सभी आदिवासी गांव आये हैं हम आदिवासी भी ग्राम देवताओं की पीढ़ी बदलने का उत्सव मनाकर यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि हमारा अस्तित्व कितना पुराना और प्रसिद्ध है ताकि हमें न्याय मिल सके, कोली मंदिर पालिया