वाराणसी के जासूस का पाकिस्तानी अफसर की पत्नी से कनेक्शन
यूपी ATS ने वाराणसी के हनुमान फाटक से मोहम्मद तुफैल को अरेस्ट किया है। तुफैल पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था। एक साल में उसने 600 पाकिस्तानियों से संपर्क किए थे। वह पाकिस्तानी अधिकारी की पत्नी से घंटों वॉट्सऐप पर बात करता था।
तुफैल ने उसे दिल्ली के राजघाट, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला, निजामुद्दीन औलिया के वीडियो भेजे। इसके अलावा काशी के नमोघाट और ज्ञानवापी से जुड़े कंटेंट भी शेयर किए। पूछताछ में सामने आया कि तुफैल धार्मिक यात्राओं के बहाने देशभर में पाकिस्तानी उलेमाओं की मजलिस में शामिल होता और उनकी तकरीरें सुनता था।
वह मुस्लिम कम्युनिटी के लोगों को वॉट्सऐप पर मैसेज भेजकर खुद को गजवा-ए-हिंद और हदीस के लिए लड़ने वाला सिपाही बताता था। हैदराबाद में एक मजलिस में वह पाकिस्तानी उलेमाओं और मौलानाओं से मिला। तभी से उसके तार पाकिस्तान से जुड़ गए। तुफैल एक साल पहले अयोध्या में बाबरी मस्जिद से जुड़े लोगों से भी मिला था।
ATS के अफसरों से तुफैल ने कहा- ये तो पहलगाम हमला हो गया, वरना बकरीद पाकिस्तान में मनाने वाला था। ATS को तुफैल के घर से डायरियां, किताबें और भारतीय-विदेशी अखबारों की कटिंग मिली हैं।
जासूस तुफैल ATS ही नहीं, NIA के रडार पर भी था। 3 महीने से एजेंसियों के रडार पर था। उसके करीबियों के नंबर भी सर्विलांस पर थे। गुरुवार को गिरफ्तार करने के बाद ATS ने तुफैल से पूछताछ शुरू की तो वह गुमराह करने लगा। ATS ने उसके मोबाइल में मिली तकरीरें और वॉट्सऐप चैट्स दिखाकर सख्ती से पूछताछ की। तब जाकर उसने पाकिस्तानियों से रिश्ते स्वीकार किए।
हालांकि, पाकिस्तानियों की जानकारी देने से मना कर दिया। तुफैल ने कहा कि मैं पाकिस्तानी उलेमाओं की तकरीरें सुनने जगह-जगह जाता था। मैं पाकिस्तान जाने वाला था, इसके लिए दस्तावेज तैयार करवा रहा था। पहलगाम और सीमा पर विवाद के चलते वीजा के लिए आवेदन रोक दिया गया, वरना बकरीद पाकिस्तान में मनाने की बात तय हुई थी। जांच में सामने आया है कि तुफैल 5 साल से मजलिसों जाता था। पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाद रिजवी की तकरीर सुनने के बाद तुफैल ने खुद को उनका अनुयायी मान लिया। रिजवी के यूट्यूब चैनल को तुफैल फॉलो करता था और उसके वीडियो वॉट्सऐप ग्रुपों में शेयर करता था।
तुफैल देशभर में आयोजित होने वाली मजलिसों में हिस्सा लेता था। लोगों से बाबरी मस्जिद के बदले पर सवाल करता था। लोगों को भड़काता था- आखिर हम कैसे भूल सकते हैं? कैसे जमीन छोड़ सकते हैं? तुफैल लोगों से मिलने में रोज 15-18 घंटे लगाता था। कई दिनों तक घर नहीं जाता था। अगर जाता भी था, तो रात में और सुबह जल्दी निकल जाता था। मजलिसों में जाने के दौरान तुफैल कई वॉट्सऐप ग्रुपों में जुड़ गया था। ऐसे ही एक ग्रुप में मैसेजिंग के दौरान पाकिस्तानी सेना के अधिकारी की पत्नी नफीसा उसके संपर्क में आ गई। नफीसा से उसकी बातचीत पर्सनल नंबर पर शुरू हो गई। जल्दी ही उसने नफीसा से नजदीकियां भी बढ़ा लीं।
दोनों मोबाइल और वॉट्सऐप पर घंटों बातें करते थे। तुफैल जहां भी जाता, वहां की तस्वीरें नफीसा को भेजता था। भारत और यूपी की गतिविधियों की जानकारी भी देता था। नफीसा के जरिए उसका पाकिस्तानी अधिकारी पति से भी संपर्क हो गया था।
सूत्रों के मुताबिक, अब तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पहलगाम हमले के बाद तुफैल ने कौन-कौन सी खुफिया जानकारियां पाकिस्तान को भेजीं, क्योंकि उन तारीखों की कई चैट्स मोबाइल से डिलीट मिली हैं। ATS उन्हें रिकवर करने में लगी है। अब पुलिस और LIU टीम तुफैल की कुंडली खंगालने में जुटी है।