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वाराणसी : कचहरी में दरोगा को दौड़ाकर पीटा, CCTV, वर्दी फाड़ी, 70 वकीलों पर FIR

वाराणसी कचहरी में दरोगा और सिपाही को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। घायल दरोगा की तहरीर पर वाराणसी पुलिस ने दस नामजद वकीलों और 60 अज्ञात वकीलों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

16 सितंबर को बनारस कचहरी में वकीलों ने एक दरोगा और सिपाही की जमकर पिटाई कर दी थी। दरोगा की वर्दी फाड़ दी थी। दरोगा के सिर और चेहरे पर 3 गहरे घाव हैं। पूरे शरीर पर 13 चोट के निशान हैं। सिपाही से भी मारपीट की है। गंभीर हालत में दरोगा को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया।

कचहरी एरिया में छह थानों के करीब 300 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं, आज कचहरी के वकीलों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है। उनका कहना है कि मुकदमे वापस लिए जाएं।

उधर, सेंट्रल बार और बनारस बार एसोसिएशन ने हमले की निंदा की है। कहा-हमले में बार की कोई भूमिका नहीं है। एसोसिएशन की आज बैठक बुलाई गई है।

दरअसल, बड़ागांव में दो पट्टीदारों का विवाद था। जिसमें हुई मारपीट के बाद दोनों पक्षों का 151 में चालान हुआ था। इस मारपीट में घायल एक वकील ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं। आरोप है कि दरोगा मिथलेश प्रजापति ने ही उसे मारा था।

पुलिस का मानना है कि वाराणसी जिला कोर्ट के DM पोर्टिको में बड़ागांव थाने के दरोगा और सिपाही पर हमला वकीलों की प्री-प्लानिंग थी। कुछ वकील दो दिन से उसका इंतजार कर रहे थे। मंगलवार (16 सिंतबर) को कोर्ट में आते ही 100 वकीलों की भीड़ जुट गई।

बताया जा रहा कि दरोगा को उकसाने के लिए पहले उसे गालियां दी। फिर कोर्ट से जबरन खींचा। ACM के हेड मोहर्रिर और वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने इसका विरोध किया। आक्रोशित वकीलों ने वर्दी खींचकर पीटना शुरू कर दिया। दरोगा की लात-घूसों से पिटाई की।

इसमें दरोगा मिथलेश के सिर-चेहरे पर गंभीर चोट, सिपाही राणा प्रसाद भी घायल हुए। एसीएम के हेड मोहर्रिर को भी चोट लगे। कोर्ट परिसर में दरोगा को पीटने का वीडियो भी सामने आ गया है।

पुलिस ने बताया कि कई लोगों को चिह्नित कर लिया गया है। बाकी लोगों की पहचान कराई जा रही है। हमला करने वालों की एक सूची तैयार की जा रही है।

अब जानिए पूरा घटनाक्रम बड़ागांव थाने में तैनात दरोगा मिथिलेश प्रजापति मंगलवार(16 सिंतबर) की दोपहर 2 बजे कोर्ट में पहुंचे थे। उन्हें एसीएम प्रथम कोर्ट में गो-वध निषेध अधिनियम के तहत रिमांड पर्ची लेनी थी। दरोगा मिथिलेश प्रजापति ने अप्लीकेशन दी थी। कोर्ट में दरोगा को देखकर बड़ागांव के कुछ वकीलों को साथी वकील मारने की घटना याद आ गई।

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कार्यालय के पास अधिवक्ताओं ने दरोगा को घेर लिया और मारने लगे। दरोगा खुद को बचाने के लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) के कार्यालय में घुसे और दरवाजा बंद करने लगे। अधिवक्ता भी जबरिया घुस गए।

इसके बाद एसीएम प्रथम कार्यालय में ही पिटाई शुरू कर दी। मिथलेश प्रजापति (37) और कॉन्स्टेबल राणा प्रसाद (27) को डीएम पोर्टिका में बेरहमी से पीटा और उनकी वर्दी फाड़ दी। कोर्ट आए एसीपी विदुष सक्सेना ने बचाने का प्रयास किया तो उनसे भी धक्का मुक्की हो गई।

कोर्ट मोहर्रिर रामा प्रसाद को भी दरोगा समझ पीट दिया। जानकारी पाकर एसीपी कैंट नितिन तनेजा, थाना प्रभारी निरीक्षक शिवाकांत मिश्र पहुंचे। पुलिसवालों ने किसी तरह दरोगा को वहां से निकाला। सिर पर चोट की वजह से दरोगा मिथिलेश गंभीर हाल में थे।

पुलिस ने घायल दरोगा को लेकर जिला अस्पताल पहुंचाया। हालत नाजुक होने पर उन्हें बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।

घायल दरोगा का बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है। दरोगा के सिर और चेहरे पर गंभीर चोट लगी है। सिपाही राणा प्रसाद का जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराया गया है।

Umh News india

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