फर्जी पैन कार्ड केस में फैसला : आजम खान और उनके बेटे को 7-7 साल की सजा
सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को फिर 7-7 साल की सजा हुई है। रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने फर्जी पैन कार्ड मामले में सोमवार को दोनों को दोषी करार दिया। फिर थोड़ी देर बाद सजा सुना दी।
कोर्ट ने दोनों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया। फैसले के बाद कोर्ट में ही पुलिसकर्मियों ने आजम खान और अब्दुल्ला को हिरासत में ले लिया। दोनों को रामपुर जेल ले जाया जा रहा है।
कोर्ट का यह फैसला आजम खान के खिलाफ दर्ज 104 मुकदमों में से एक है। अब तक अदालत 11 मामलों में फैसला सुना चुकी है। इनमें से छह मामलों में आजम खान को सजा हो चुकी है। वहीं, पांच मामलों में उन्हें बरी किया गया है।
आजम और अब्दुल्ला को पुलिस ने बोलेरो की बीच वाली सीट पर बिठाया। कड़ी सिक्योरिटी के बीच पुलिस उन्हें लेकर रामपुर जेल रवाना हुई है।
2 महीने पहले छूटे थे आजम आजम खान 23 सितंबर यानी 2 महीने पहले ही सीतापुर जेल से रिहा हुए थे। जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला 9 महीने पहले हरदोई जेल से रिहा हुए थे।
फर्जी पैन कार्ड का मामला 2019 का है। रामपुर में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि आजम ने बेटे अब्दुल्ला को चुनाव लड़वाने के लिए दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए।
असली जन्म तिथि यानी 1 जनवरी 1993 के मुताबिक, अब्दुल्ला 2017 में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे। उनकी उम्र 25 साल नहीं हुई थी। इसलिए आजम ने दूसरा पैन कार्ड बनवाया, जिसमें उन्होंने जन्म का साल 1990 दिखाया था।
फैसला आने के बाद विधायक आकाश सक्सेना ने बताया-

मैं इसे सत्य की जीत मानता हूं, आजम पर जितने मामले चल रहे हैं, सारे पेपर एविडेंस के आधार पर हैं। कोई ऐसा केस नहीं है, जिसमें उनके खिलाफ सबूत न हों। इसलिए कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई। जो गलत किया है, उसकी सजा मिलेगी ही।
भाजपा नेता आकाश सक्सेना के एडवोकेट संदीप सक्सेना ने बताया- आजम और अब्दुल्ला को धारा 467 के तहत 7 साल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा दोनों को धारा 120 बी में एक साल, 468 और 420 में तीन-तीन साल की सजा दी गई है। इसके अलावा कोर्ट ने दोनों को धारा 471 के तहत दो साल की सजा सुनाई है। इसी साल 23 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड मामलों को लेकर याचिका खारिज कर दी थी। आजम के वकील ने फर्जी पैनकार्ड के आरोपों को बेबुनियाद बताकर मामले को खारिज करने की अपील की थी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि मामले का ट्रायल पहले से ही लोकल अदालत में चल रहा है, इसमें दखल देना अनुचित है, लिहाजा याचिका को खारिज किया जाता है। बाद में आजम सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन वहां भी राहत नहीं मिली थी।

