नेपाल में 13,500 कैदी फरार, सोशल मीडिया बैन
नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ छिड़े हिंसक प्रदर्शन का फायदा उठाकर 13,500 से ज्यादा कैदी भाग निकले। जबकि हिरासत में लिए गए 560 आरोपी भी फरार हो गए।
इसके अलावा पश्चिमी नेपाल की एक जेल में सुरक्षाकर्मियों और कैदियों के बीच झड़प हो गई। इसमें पुलिस की गोलीबारी से पांच नाबालिग कैदियों की मौत हो गई और चार गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि एक सुधार गृह में कैदियों ने सुरक्षाकर्मियों के हथियार छीनने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को गोली चलानी पड़ी। इस प्रदर्शन में अबतक 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और 30 मारे जा चुके हैं।
वहीं, लोकल मीडिया में दावा किया गया है कि देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बन सकती हैं। इन्हें Gen-Z का समर्थन मिला है।
10 सितंबर के 10 बड़े अपडेट्स
- ओली का मैसेज: पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने जेन-जी प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया और हिंसा व तोड़फोड़ की निंदा की।
- नेतृत्व विवाद: सेना मुख्यालय के बाहर अंतरिम नेतृत्व को लेकर जेन-जी युवाओं के बीच बहस और टकराव हुआ।
- कर्फ्यू बढ़ा: नेपाली सेना ने कर्फ्यू को गुरुवार सुबह तक बढ़ा दिया है।
- कानूनी कार्रवाई स्थगित: सुप्रीम कोर्ट भवन में आग लगने के बाद सभी सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।
- कार्की का नाम आगे: प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व सौंपने की सिफारिश की।
- कैदी फरार: देशभर की जेलों से 13,500 से ज्यादा कैदी भाग चुके हैं।
- एयरपोर्ट बंद: त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अनिश्चितकालीन समय के लिए बंद कर दिया गया। विदेशी यात्री फंसे हुए हैं।
- धाडिंग गोलीकांड: धाडिंग जेल तोड़ने की कोशिश के दौरान सेना की गोलीबारी में एक कैदी की मौत हुई और सात घायल हुए।
- मौत का आंकड़ा बढ़ा: नेपाल विरोध प्रदर्शन में अब तक 30 की मौत, 1,033 घायल।
- रेस्क्यू शुरू: नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए एअर इंडिया ने स्पेशल फ्लाइट शुरू की।
नेपाल में चल रहे राजनीतिक संकट और हिंसक प्रदर्शनों के बीच गुजरात के 300 से ज्यादा लोग फंस गए हैं। इनमें भावनगर के 43 और अहमदाबाद के 9 लोग शामिल हैं। सभी गुजरातियों को होटल, वृद्धाश्रम और अन्य जगहों पर सुरक्षा के साथ रखा गया है।
नेपाल में नई सरकार के नेतृत्व को लेकर मतभेद गहराते जा रहे हैं। सेना ने गुरुवार सुबह प्रदर्शनकारियों अपील की कि वे आपसी सहमति से आगे बढ़ें। सेना अधिकारियों ने सेना मुख्यालय के बाहर लाउडस्पीकर से घोषणा करते हुए कहा कि हर समूह अपने-अपने संभावित नेताओं के नाम और संपर्क नंबर सुबह तक उपलब्ध कराए, ताकि बातचीत आगे बढ़ सके।
दरअसल, बुधवार को प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व सौंपने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन बाहर एकत्र भीड़ ने इसका विरोध किया और उनके खिलाफ नारे लगाए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के मेयर बालेन शाह और अन्य युवा चेहरों का नाम आगे बढ़ाया।
गेट पर जमा प्रदर्शनकारियों के बीच से अलग-अलग राय और असहमति साफ दिखाई दी। सेना का कहना है कि इस असंतोष को दूर करने के लिए सभी पक्षों को अपने-अपने पसंदीदा नेताओं के नाम स्पष्ट रूप से देने चाहिए, ताकि आगे की चर्चा सुगम हो सके और संकट का हल निकाला जा सके।

