पोर्न साइट के नाम पर ब्लैकमेल करके 50 लाख वसूले
कानपुर में पोर्न वीडियो के नाम पर डराकर पैसे वसूलने वाले 4 लोगों को पुलिस ने पकड़ा। ये लोग अननोन नंबरों पर कॉल करते थे। जो इनके झांसे में फंस जाता था उससे कहते थे-तुम मोबाइल में अश्लील वीडियो देख रहे हो। तुमको पता नहीं, ये इंडिया में बैन है। अब तुम्हारे घर पुलिस आएगी। मुकदमा दर्ज होगा। अगर बचना चाहते हो, तो पैसे दो।
जालसाजों ने ऐसा करके लोगों से करीब 50 लाख की वसूली की। पुलिस को आरोपियों के खिलाफ पोर्टल पर 66 शिकायतें मिलीं। पुलिस ने नंबर ट्रेस कर 4 लोगों को किदवई नगर से पकड़ा। जबकि दो आरोपी अभी फरार हैं। गैंग का मास्टरमाइंड शिवम वर्मा 8वीं पास है। DCP क्राइम एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ पोर्टल पर 66 शिकायतें थी। जिसमें करीब 50 लाख की वसूली को अंजाम दिया जा चुका है। हम आरोपियों को ट्रेस कर रहे थे। तभी संदिग्ध नंबरों की जानकारी मिली। जब इन्हें ट्रेस किया गया तो हॉट स्पॉट शहर का ही मिला।
इन्हें पकड़ने के लिए इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा, एसआई पुनीत तोमर, गौरव अत्री, हेड कॉन्स्टेबल फिरोज बदर, अजय कुमार सिंह, शरीफ, सिपाही राहुल यादव और सौरभ पांडेय को लगाया गया। नंबरों को सर्विलांस सिस्टम की मदद से ट्रेस करते हुए पुलिस आरोपियों के घर तक पहुंची।
छतुरवा बरईगढ़ नर्वल गांव निवासी शिवम वर्मा, एम ब्लॉक किदवई नगर निवासी अंकित दीक्षित, दीनदयाल पुरम गल्ला मंडी नौबस्ता निवासी गौरव सचान और ओ ब्लॉक सब्जी मंडी किदवई नगर निवासी कासान रायीन को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी एक ही जगह बैठकर ठगी करते थे। गैंग का मास्टरमाइंड शिवम वर्मा और अंकित 8वीं पास है। कासान रायनी ने 6वीं क्लास और गौरव LLB सेकेंड ईयर का छात्र रहा है।
गिरोह में लोगों को कॉल करने का काम अमन और राहुल करते थे। इस समय दोनों फरार हैं। ये अननोन नंबर पर कॉल मिलाते थे और सीरीज वाइज दूसरे नंबरों पर कॉल करते जाते थे। जो उनकी बातों में फंस जाता था, उसे देश में पोर्न साइट बैन का हवाला देकर ब्लैकमेल करते थे।
कहते थे कि वो पोर्न वीडियो देखते हैं, जोकि भारतीय कानून में अपराध है। इसके लिए आपको गिरफ्तार किया जाता है। ऐसे में सामने वाला घबरा जाता था। तब आरोपी खुद को फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर वसूली को अंजाम देते थे।
बोलते थे आपको पता नहीं है, आप किससे बात कर रहे हैं। ये गलती पहली बार की है, इसलिए छोड़ दूंगा। लेकिन, उसके के लिए कीमत लगेगी। हम आपका नाम हमारी रिपोर्ट से हटा देंगे। इस पर सामने वाला डर जाता था। फिर उससे UPI, बैंक अकाउंट नंबर या अन्य माध्यम से पैसे ट्रांसफर करवाते थे।