नोएडा-लखनऊ में कोरोना के 7 नए मरीज मिले, अब यूपी में 23 केस
यूपी में कोरोना से पहली मौत हो गई है। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज ने दम तोड़ दिया। 78 साल के मुसाफिर राम कूल्हे के ऑपरेशन कराने के लिए सिकंदरा स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में 24 मई को भर्ती हुए थे। वह फिरोजाबाद के रहने वाले हैं।
15 दिन से उन्हें बुखार और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। हॉस्पिटल ने प्राइवेट लैब में उनकी जांच कराई थी। 26 मई को मरीज की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। फिर मरीज को देर रात एसएन मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया।
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि मुसाफिर राम कल देर रात इमरजेंसी में भर्ती हुए थे। वे गंभीर रूप से बीमार थे। इनके सिर में खून का थक्का जमा था, दो साल से लंग डिजीज भी थी। तमाम और बीमारियां भी थीं। हमारे यहां कोविड की जांच सुबह होती है, लेकिन इससे पहले ही मंगलवार सुबह उनकी मौत हो गई। हम प्राइवेट लैब की रिपोर्ट को नहीं मानते हैं।
सीएमओ प्रभारी डॉ. अमित रावत का कहना है कि सूचना मिली तो जानकारी की गई। जिसमें पता चला कि मरीज को हैड इंजरी थी। स्पाइनल इंजरी भी थी। प्राइवेट लैब की रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित पाए गए थे। उनकी एसएन मेडिकल कॉलेज में जांच नहीं हुई थी।
कोरोना मरीजों की संख्या 23 पहुंची वहीं यूपी में कोरोना मरीजों की संख्या 23 पहुंच गई है। मंगलवार को नोएडा में 6 और गाजियाबाद-लखनऊ में एक-एक नए केस मिले।
अब सिर्फ नोएडा में कोरोना के कुल 15 पॉजिटिव पेशेंट हो गए हैं। सोमवार को नोएडा में 8 और रविवार को एक केस मिले थे। इसके अलावा गाजियाबाद में कोरोना के 4 मरीज मिले थे। दो केस अन्य जिलों में रिपोर्ट हुए थे। लखनऊ में कोरोना का ये पहला मामला मिला है।
नोएडा के CMO नरेंद्र कुमार ने बताया- कोरोना के नए मरीजों में 5 महिलाएं और 3 पुरुष शामिल हैं। सेक्टर-119 निवासी 43 साल का एक मरीज 21 मई को चेन्नई से आया है। अन्य सभी मरीज नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ही थे। इनकी उम्र 24 से 71 साल के बीच है।
लखनऊ सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि अलीगंज निवासी बुजुर्ग मरीज करीब 10 दिन पहले धार्मिक यात्रा पर गए थे। इस बीच उनकी तबीयत बिगड़ी। उन्हें पिछले हफ्ते SGPGI में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। इस बीच उनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। आज उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
योगी ने कहा- चिंता की कोई बात नहीं सीएम योगी ने 22 मई को कोविड-19 के नए सब वेरिएंट JN.1 के बढ़ते मामलों के बीच हाईलेवल बैठक की थी। उन्होंने यूपी में कोविड संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की थी। सीएम ने कहा था कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण को लेकर चिंता जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए सावधानी और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।
सभी पेशेंट में खांसी-जुकाम, बुखार के लक्षण गाजियाबाद के बृज विहार की 18 वर्षीय युवती को खांसी, जुकाम और बुखार की शिकायत थी। जांच में कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली थी।
वहीं, वसुंधरा में रहने वाले एक दंपती 13 मई को बेंगलुरु से लौटे थे, दोनों को खांसी और बुखार की शिकायत थी। उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। जबकि वैशाली की 37 वर्षीय महिला को भी चार-पांच दिन से खांसी-जुकाम था। डॉक्टर की सलाह पर कराई गई जांच में वह भी कोविड पॉजिटिव पाई गई, जिसे होम आइसोलेशन में रखा गया है।
इम्युनिटी को कमजोर करता है JN.1 वैरिएंट JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। यह अगस्त 2023 में पहली बार पाया गया था। दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया।
इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 पहले के वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।
JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक कहीं भी रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।