8 हजार गायें बंगाल में काटकर नोएडा में छिपाया मांस, भैंस का मीट लिखकर सप्लाई
यूपी के ग्रेटर नोएडा में 9-10 नवंबर को पुलिस ने 185 टन गोमांस बरामद कर जमीन में दबवा दिया। गायों को पश्चिम बंगाल के स्लाटर हाउस में काटा गया था। वहां से बोनलेस मीट कंटेनरों में भरकर स्टोर करने के लिए 1500 किमी दूर यूपी में भेजा गया। कोल्ड स्टोर से इसकी सप्लाई देश-विदेशों तक होनी थी। जितना मीट रिकवर हुआ है, ये करीब 8 से 10 हजार गायों के होने का अनुमान है।
जिस कोल्ड स्टोरेज में गोमांस रखा हुआ था, उसे सब्जियां और अन्य खाद्य सामग्री रखने के नाम पर चार महीने पहले ही लाइसेंस जारी हुआ था। BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर का आरोप है कि लखनऊ में बैठे दो सीनियर अधिकारी गाय कटवाकर पूरा पैसा खा रहे हैं।
गाजियाबाद-बुलंदशहर हाईवे पर ग्रेटर नोएडा के दादरी क्षेत्र में लुहारली टोल प्लाजा है। 9 नवंबर की रात करीब 8 बजे दादरी पुलिस और गौरक्षा हिन्दू दल कार्यकर्ताओं ने एक कंटेनर रुकवाया। इससे 32 टन मांस बरामद हुआ। पता चला कि ये मांस दादरी क्षेत्र में बिसाहड़ा गांव जाने वाली रोड पर बने SPJ कोल्ड स्टोरेज में जा रहा था। वहां भी पुलिस ने छापा मारने की कार्रवाई की। कोल्ड स्टोर में 153 टन पैकिंग मीट बरामद हुआ।
16 नवंबर को मथुरा लैब से मांस के सैंपलों की जांच रिपोर्ट आई। इसमें पता चला कि ये सारा गोमांस है। पुलिस ने 185 टन मांस नष्ट करा दिया। इस केस में ट्रक ड्राइवर शिवशंकर, हेल्पर सचिन, कोल्ड स्टोर के मालिक पूरन जोशी, निदेशक खुर्शिदुन नबी और मैनेजर अक्षय सक्सेना को जेल भेजा गया। इसके बाद दो और आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।
नोएडा पुलिस को अभी तक कोल्ड स्टोर से पैकेजिंग मीट के चार तरह के पैकेट मिले हैं। इन पैकेट्स पर AL माजिद, AL तमीम, सारा और हूर परी नाम लिखा हुआ है। माना जा रहा है कि इन्हीं चार ब्रांड्स के नाम से बोनलेस मीट की सप्लाई होती थी। कुल दो तरह के पैकेट बनाए जाते थे। 6 किलो और 2 किलो। इन सभी पैकेट्स पर लिखा है- ‘फ्रोजन बोनलेस बफेलो मीट’ यानी भैंस का मीट। जबकि इनके अंदर गोमांस होने की पुष्टि लैब से हुई।
जानकारों के अनुसार, एक स्वस्थ गाय में करीब तीन कुंतल मांस निकलता है। अगर हड्डियों को अलग कर दिया जाए तो ये मांस एक से सवा कुंतल तक बचता है। इस प्रकार नष्ट कराया गया 185 टन मांस 8 से 10 हजार गायों के होने का अनुमान है।
पुलिस को अभी तक मिली जानकारी में इस कोल्ड स्टोरेज से मांस की सप्लाई अफ्रीका महाद्वीप और खाड़ी के देशों तक होने की बात सामने आई है। हालांकि, लिखित रूप में ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला। ये बात सिर्फ आरोपियों से मौखिक पूछताछ के आधार पर पता चली है।
इस केस का मुख्य आरोपी कोल्ड स्टोरेज का मालिक पूरन जोशी है। पूरन ने पुलिस को बताया- ये सारा गोमांस दिल्ली निवासी मोहम्मद खालिद का है। खालिद की यूनिवर्सल फूड एक्सपोर्ट कंपनी है। कंटेनर और कोल्ड स्टोर में जो गोमांस मिला है, वो खालिद की पश्चिम बंगाल और दिल्ली स्थित कंपनी से मंगवाया हुआ था।
कंटेनर में गाय के मांस को हम गत्ते के डिब्बों में पैक करते हैं और उनके ऊपर भैंस के मांस का लेबल लगाते हैं, ताकि रास्ते में चेकिंग होने पर कोई दिक्कत न हो। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में खालिद को भी आरोपी बनाया है और गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
खालिद को दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से पुलिस कस्टडी में लिए जाने की चर्चा है, लेकिन फिलहाल पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
कंटेनर ड्राइवर शिवशंकर ने पुलिस को बताया- हमें मांस लाने के लिए पश्चिम बंगाल का एड्रेस कोल्ड स्टोरेज से दिया जाता था। हम उस एड्रेस पर पहुंच जाते थे। इसके बाद हमें 4 घंटे के लिए वहां से हटा दिया जाता था। जब पूरा कंटेनर लोड होने के बाद उसमें सील लग जाती थी, तब हमें फोन करके वहां बुलाया जाता था।
हमें कभी कंटेनर के अंदर भैंस तो कभी बकरे का मीट (मटन) बताया जाता था। कंटेनर चलने से पहले हमें सिर्फ ई-वे बिल दिया जाता था। साथ ही एक मोबाइल नंबर ये कहकर मिलता था कि अगर रास्ते में कोई गाड़ी रोके तो इस नंबर पर कॉल कर लेना।
पश्चिम बंगाल से चलकर हम बिहार, उत्तर प्रदेश होते हुए नोएडा आते थे। इस बीच कंटेनर के डीप फ्रीजर को ठंडा करने के लिए हमें उसे कई जगह रोककर चार्ज करना पड़ता था। चार्जिंग स्टेशन पहले से फिक्स होते थे। वहां चार घंटे के लिए ट्रक रोकना पड़ता था।
इस पूरी कार्रवाई को अंजाम देने वाले गौरक्षा हिन्दू दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेद नागर से भी हमने बातचीत की। उन्होंने बताया- पश्चिम बंगाल से गोमांस लाने का इनपुट हमारी मेवात (हरियाणा) टीम के पास था। उन्होंने हमें सूचना दी। हमने दादरी (ग्रेटर नोएडा) पुलिस को बताकर 9 नवंबर को गोमांस से भरा कंटेनर पकड़ा। 17 नवंबर को करीब 185 टन गोमांस को कोल्ड स्टोर से थोड़ी ही दूरी पर करीब 15 फीट गहरा गड्ढा करके दबवाया गया है।
10 डंपर लगाकर कोल्ड स्टोरेज से गोमांस निकलवाकर गड्ढे तक लाया गया। करीब 30 से 40 टन नमक डालकर गोमांस को मिट्टी में दबाकर नष्ट किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में तकरीबन 10 घंटे लग गए।
दादरी सर्किल के ACP अमित कुमार सिंह ने बताया- हमने दूसरे चैंबरों में रखे मांस के सैंपल भी जांच के लिए भिजवाए हैं। इनकी रिपोर्ट अभी लैब से आनी बाकी है। फिलहाल जांच पूरी होने तक कोल्ड स्टोरेज में नए सामान रखने पर रोक लगाई गई है। मांस के अलावा अन्य जो खाद्य पदार्थ यहां स्टोर हैं, वो लोग अपनी सुविधा अनुसार यहां से निकाल सकते हैं।