अयोध्या, शुक्रवार को RTO चेकिंग के लिए रुकी बसों में सवार 2 यात्रियों की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि चेकिंग के चलते बसें 3 घंटे तक खड़ी रहीं। उन्होंने ड्राइवर-कंडक्टर और RTO अफसरों को बताया कि उनके घर के सदस्य की तबीयत बिगड़ गई है। मगर, किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। इसकी वजह से मौत हो गई। प्राइवेट बसें दिल्ली से बिहार जा रही थीं। घटना रुदौली थाना क्षेत्र के टोल प्लाजा के पास की है।
बस में सवार नीतीश कुमार ने बताया, ”मेरे पिता की तबीयत खराब थी। मैं पिता को इलाज के लिए दिल्ली एम्स ले गया था। शुक्रवार को उन्हें वापस घर ले जा रहा था, तभी रुदौली के टोल प्लाजा के पास RTO की चेकिंग लगी थी। उन्होंने बस को रोक लिया।”
नीतीश ने बताया, ”लगातार 3 घंटे बस रुकी थी। तेज धूप थी। बस में गर्मी और उमस हो रही थी। इसी वजह से मेरे पिता की तबीयत बिगड़ गई। मैंने इस बारे में बस ड्राइवर को बताया। लेकिन उसने मेरी बात को अनसुना कर दिया। फिर RTO के अफसरों को भी सूचना दी। मगर, उन्होंने भी नहीं सुना। इलाज न मिलने की वजह से पिता की मौत हो गई।”
नीतीश ने बताया, ”पिता की मौत के बाद बस में बैठे यात्रियों ने भी हंगामा शुरू कर दिया, तभी पता चला कि एक अन्य बस में भी एक युवक की मौत हो गई है।” इधर, हंगामे की सूचना पर रौनाही थाना पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान पुलिस-RTO अफसरों के बीच नोकझोंक भी हुई। इसके बाद पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर किसी तरह से शांत कराया।
RTO प्रवर्तन प्रवीण सिंह ने बताया, ”रूटीन चेकिंग के दौरान बसों की परमिट और अन्य कागजात की चेकिंग की जा रही थी। इस दौरान एक मरीज के मौत की सूचना मिली, जो पहले से बीमार था। बस ड्राइवर से जब यह पूछा गया कि मरीज को बस में क्यों बैठाया? इस पर उसने बताया कि मरीज के परिजनों ने लिखित दिया था कि यदि कोई घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी होगी।