अंजुमन बकाए उर्दू के द्वारा एक शानदार मुशायरा का आयोजन किया गया
हरदोई | मल्लावा में अंजुमन बकाए उर्दू के द्वारा एक शानदार मुशायरा का आयोजन जनाब समसाम अली के घर पुरानी चौकी मल्लावा में किया गया | आज के मुशायरा की सदारत हाफ़िज़ मुश्ताक और निजामत शादाब गोहर ने की | वक़्त सूरज को हर रोज बुझा देता है फिर हर रोज सुबह निकल आता है एजाज कादरी रहबर ,आरज़ू जन्नत की सबके दिल में रहती हैं मगर मिल सके एसा अमल तो आपका कोई नहीं औसाफ सागर हक मार के गरीब का भरते हैं अपनी जेब, ये भूखे नंगे जब से सियासत में आ गए डॉ रियाज बरहक हमीद अशफ़ाक टीपू बन के दी कुर्बानिया हमने बताओ तो हमे तुम अजमाओगे कब तक, शादाब गोहर, जिंदगी के भरम रह गए चहने वाले कम रह गए, हाफ़िज़ मुश्ताक, इंसान की फितरत को जरा गौर से देखो जिस डाल पर बैठा है उसी डाल को काट रहा हैं फखरूददीन निस्टर , शाहनवाज अकरम ,आजाद हुसैन आजाद तौहसीब हसरत, रमजान फलक ,अपने_2 कलाम पेश किये | इस मौके पर पूर्व सभासद खालिद खान, मन्नान खान, कल्लू आदि लोग मौजूद रहे |