आगरा : धर्मांतरण मामले में बड़ा खुलासा
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में दो सगी बहनों के अवैध धर्मांतरण मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस पूरे मामले के आरोपियों का कनेक्शन आतंकियों से जुड़ा माना जा रहा है. पुलिस ने अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अप्रैल में एटीएस ने झारखंड से चार आतंकियों को गिरफ्तार किया था, जो लोगों को ब्रेनवाश करने का काम करते थे. पुलिस पड़ताल में पता चला कि अवैध धर्मांतरण के मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान और आयशा उर्फ़ एसवी कृष्णा के तार इसी आतंकियों से जुड़े हैं.
पड़ताल में सामने आया कि हिंदू-सिख परिवार की दोनों बहनों को अलग-अलग तरीकों से गिरोह के सदस्यों ने फंसाया और उन्हें कश्मीर ले जाकर ब्रेनवाश किया. इसके बाद उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए तैयार किया गया. आर्थिक मदद का प्रलोभन देकर बहनों को दिल्ली से कोलकाता ले जाया गया. पुलिस ने कई दिनों की गुप्त कार्रवाई के बाद दोनों बहनों को पश्चिम बंगाल के शहर से बरामद किया. मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया.
इस मामले में पुलिस ने 11 आरोपियों को रिमांड पर लेकर कई दिनों तक पूछताछ की. दिल्ली का अब्दुल रहमान, गोवा की आयशा और आगरा का एक युवक भी गिरोह में शामिल थे. पूछताछ में छह युवकों के बयान दर्ज किए गए. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि गिरोह का मानव तस्करी और अंग बेचने वाले गिरोह से भी कनेक्शन था, लेकिन पहले किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था.
एटीएस द्वारा झारखंड में पकड़े गए चार आतंकियों की जानकारी धर्मांतरण मामले की जांच में महत्वपूर्ण साबित हुई. ये आतंकियों का संगठन लोगों का मानसिक नियंत्रण कर उनका ब्रेनवाश करता था. पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि आगरा के गिरोह के सदस्यों का आतंकियों से संबंध है और यह गिरोह बहनों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता था.
पुलिस की गोपनीय टीम इस मामले की जांच में जुटी है और अभी अधिकारी जांच के बीच कुछ भी सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं. फिलहाल आरोपियों के कनेक्शन और गिरोह की पूरी संरचना उजागर करने के लिए पुलिस लगातार पड़ताल कर रही है. इस मामले में अब तक 14 लोगों को जेल भेजा गया है और मामले की विवेचना जारी है. पुलिस और एटीएस की टीम संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित कर रही है कि आतंकियों और धर्मांतरण गिरोह के आपसी संबंधों की पूरी सच्चाई सामने आए.