google-site-verification=aXcKQgjOnBT3iLDjEQqgeziCehQcSQVIW4RbI82NVFo
Latest

आगरा धर्मांतरण गिरोह का खुलासा : पास्टर ने 2 महिला सिपाहियों से कलावा कटवाया, बाइबिल पढ़वाई

9 / 100 SEO Score

आगरा में दो महिला पुलिसकर्मियों ने धर्मांतरण गिरोह का खुलासा किया है। दोनों पुलिसकर्मी पीड़ित बनकर हर रविवार होने वाली सभा में पहुंचीं। जहां उनके हाथ में बंधे कलावे को कटवाया गया। बाइबिल पढ़कर ईसाई बनने के लिए दबाव डाला गया।

महिला पुलिसकर्मियों ने आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाए। इसके बाद पुलिस ने गिरोह की 3 महिलाओं सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।

जांच में सामने आया कि शाहगंज के केदार नगर में लंबे समय से एक व्यक्ति अपने घर में धर्म सभा आयोजित कर रहा था। वो लोगों को घर बुलाकर बाइबिल पढ़वाता और कलावा काटने को कहता था। साथ ही एक यूट्यूब चैनल भी बना रखा था। इसका नाम “चर्च ऑफ गॉड आगरा” है। इसमें वीडियो अपलोड किए जाते थे।

पुलिस ने एक महीने की छानबीन के बाद आरोपी और उसके साथियों को पकड़ा है। गिरोह के तार विदेश से जुडे़ बताए जा रहे हैं। सभा में स्पेन-दुबई से लोग ऑनलाइन जुड़ते थे। इन लोगों का टारगेट बीमार और गरीब लोग होते थे। चमत्कार के नाम पर लोगों को बरगलाया जा रहा था।

थाना शाहगंज के मोहल्ला केदार नगर में लोगों ने शिकायत की थी कि उनके मोहल्ले में राजकुमार लालवानी के घर पर ईसाई धर्म के लोग आकर धर्म सभा आयोजित कर रहे है। वहां पर गरीब और बीमार लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जाता है।

मामला पुलिस आयुक्त दीपक कुमार तक पहुंचा तो शाहगंज पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने एक महीने तक जांच की। इस दौरान दो महिला पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में भेजा गया।

धर्म सभा में बाहर से कुछ लोग आया करते थे। आसपास के हिंदुओं को बुलाया जाता था। इसमें समस्याएं पूछने के बाद दूर करने का दावा किया जाता था। इसके बाद धर्म परिवर्तन के लिए कहा जाता था। जो लोग तैयार होते थे, उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन मिलता था।

महिला पुलिसकर्मियों की भी बीमारी दूर करने की बात कहीं गई थी। दो दिन पहले पुलिस ने घर में दबिश देकर 3 महिलाओं सहित 8 लोगों को पकड़ लिया। इसमें एक मुख्य व्यक्ति भी शामिल है।

पुलिस पूछताछ में राजकुमार ने बताया- मैं चार साल पहले मुंबई में हिंदू से ईसाई बन गया था। मैंने अपना नाम बदलकर पास्टर राजकुमार रख लिया था। इसके बाद मैं केदार नगर में आकर रहने लगा। मेरी टीम के सदस्य रविवार को लोगों को मेरे पास लाते थे।

टीम में शामिल महिलाएं और पुरुष अपने को बीमार बताते थे। बाद में मैं पूजा कर उनको सही करने का दावा करता था। मैं लोगों से कहता था कि घरों से मूर्ति हटा दो। कलावा काट दो। इसके अलावा महिलाओं की मांग का सिंदूर और बिछुए भी उतारने को कहता था। मैं कहता था कि इनको हटाने से ही खुशहाली आएगी।

रविवार को होती थी विशेष पूजा पुलिस की जांच में सामने आया कि संडे को ये सुबह और शाम को विशेष पूजा करते थे। इसमें बाइबिल पढ़वाते थे। इसके अलावा जूम मीटिंग से दूसरे देशों (स्पेन-दुबई) में बैठे लोगों से बात कराकर ब्रेन वॉश करते थे। इसमें दुबई और स्पेन से भी लोग जुड़ते थे। ये लोग कहते थे कि ईसाई धर्म अपनाने से बेहतर जिंदगी मिलेगी और सरकारी नौकरी भी मिलेगी।

यूट्यूब चैनल भी चलाता था राजकुमार ने अपना एक यूट्यूब चैनल भी बना रखा था। इसका नाम “चर्च ऑफ गॉड आगरा” है। इस पर वो रविवार को होने वाली विशेष पूजा के वीडियो अपलोड करता था। ये पूजा में आए लोगों को ईसाई धर्म की किताबें भी बांटते थे। डीसीपी ने बताया कि इनके नेटवर्क और फंडिंग के बारे में जांच की जा रही है।

9 / 100 SEO Score
Umh News india

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *