आगरा : दरोगा-बिल्डर समेत 12 लोगों पर FIR, करोड़ों की जमीन के लिए दो परिवार को भेजा जेल
आगरा, पुलिस ने करोड़ों रुपए की जमीन कब्जा करने के लिए दो परिवार को झूठे केस में फंसा दिया। पहले गांजा तस्करी में दो सगे भाइयों को जेल भेजा। फिर अवैध शराब बनाने के केस में महिलाओं को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया। 2 महीने बाद मामला DGP तक पहुंचा। इसके बाद शनिवार को तत्कालीन SO जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार (वर्तमान SO एमएम गेट) और उनके साथ शामिल 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
इस मामले में रविवार को पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि तत्कालीन SO जितेंद्र कुमार, बिल्डर कमल चौधरी, धीरू चौधरी सहित अन्य 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही जांच के लिए SIT का गठन किया गया है। इतना ही नहीं, पीड़ितों पर दर्ज किए गए फर्जी केस वापस लिए जाएंगे। जमीन से जिन लोगों को हटाया गया था, उनको दोबारा कब्जा दिलाया जाएगा। आरोपियों को कतई बख्शेंगे नहीं।
वही, कमिश्नर के बुलाने पर पीड़ित रवि कुशवाहा नहीं आए। उन्हें लग रहा था कि कहीं पुलिस उसे दोबारा न पकड़ ले।
जगदीशपुरा थाना क्षेत्र में बैनारा फैक्ट्री के पास BS कॉम्प्लेक्स के पास 4 बीघा जमीन है। नवंबर महीने में बोदला रोड निवासी उमा देवी ने डीजीपी से मामले की शिकायत की थी। इसमें उन्होंने बताया, उनके ससुर सरदार टहल सिंह के नाम से खतैना में 4 बीघा जमीन है। उमा के ससुर टहल सिंह और पति सरदार जसवीर सिंह की मौत हो चुकी है। इसके बाद जमीन पर उमा का कब्जा था। जमीन की देखरेख का जिम्मा टहल सिंह ने रवि कुशवाहा और शंकरलाल कुशवाहा को दिया था।
दोनों भाई करीब 35 साल से परिवार समेत इसी जमीन पर रह रहे थे। रवि की पत्नी पूनम और बहन पुष्पा भी वहां रहती थी। उमा देवी का कहना है कि 2017 में उनकी जमीन पर कब्जे का प्रयास किया गया था, उस समय भूमाफिया कामयाब नहीं हो पाए थे। 20 अक्टूबर को रात 11 बजे कमल चौधरी, धीरू चौधरी व अन्य हथियार लेकर आए और जमीन पर लगे गेट का ताला तोड़कर अवैध कब्जा कर लिया। पुलिस विभाग में अच्छी पैठ रखने वाले एक शख्स ने कब्जा दिलाने का जिम्मा लिया था।