अलीगढ़ : ट्रेन लूटने वाले गैंग से RPF की मुठभेड़, बुलंदशहर के हैं आरोपी
अलीगढ़ में ट्रेन लूटने वाले गैंग के साथ शुक्रवार को रेलवे पुलिस की मुठभेड़ हो गई। आरोपियों ने 7 मई को अलीगढ़ में ट्रेन लूटी थी। आरोपियों ने RPF और GRP की टीम के ऊपर गोली चला दी। जवाबी कार्रवाई में GRP ने भी गोली चलाई, जिसमें दोनों आरोपियों के पैर में गोली लगी और वह घायल हो गए।
दोनों के घायल होने के बाद पुलिस ने उन्हें मलखान सिंह जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया है। जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश करके जेल भेजा जा रहा है। दोनों आरोपी ट्रेन लूटने वाले अंतर्राज्जीय गैंग से जुड़े हुए हैं और कई राज्यों में इनके खिलाफ जीआरपी में नामजद मुकदमें दर्ज हैं। लंबे समय से पुलिस को इनकी तलाश थी।
अलीगढ़ में 7 मई को लूटी थी ट्रेन
अलीगढ़ के दाउद खां रेलवे स्टेशन के पास 7 मई को आनंद विहार से पटना जाने वाली क्लोन एक्सप्रेस का सिग्नल फेल करके ट्रेन रोकी थी। जिसके बाद आरोपियों ने ट्रेन में चढ़कर लूटमार करी थी और मौके से फरार हो गए थे। इसके बाद से आरपीएफ और जीआरपी लगातार इनकी तलाश कर रही थी।
शुक्रवार को आरपीएफ को सूचना मिली थी कि घटना के दोनो मास्टर माइंड दाउद खां स्टेशन के पास ही नजर आए हैं। जिसके बाद आरपीएफ के एसआई अमित चौधरी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उनके साथ जीआरपी की टीम भी पहुंची थी। तभी उन्हें दो संदिग्ध नजर आए। जब टीम ने उनसे पूछताछ करने की कोशिश की, तो आरोपियों ने गोली चला दी।
सिक्के से सिग्नल करते थे फेल, 25-25 हजार का था इनाम
आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव वर्मा ने बताया कि आरोपी शातिर अपराधी हैं। यह रेलवे की पटरी पर सिक्का रखकर सिग्नल फेल कर देते थे। जिससे ट्रेन रुक जाती थी, इसके बाद यह ट्रेन में सवार घुसकर लूटमार करते थे। 7 मई को भी इन्होंने यही किया था।
घटना के बाद इनके 7 साथी पहले ही पकड़ लिए गए थे। लेकिन मुख्य मास्टर माइंट फरार चल रहे थे। इन दोनों के ऊपर 25-25 हजार रुपए का ईनाम भी था। टीमें लगातर इनकी तलाश कर रही थी। शुक्रवार को जब इनकी सूचना मिली तो टीम इन्हें पकड़ने गई थी, लेकिन इन्होंने टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।
बुलंदशहर के हैं आरोपी, किए 4 राउंड फायर
25-25 हजार के ईनामी दोनों बदमाश बुलंदशहर के रहने वाले हैं। गैंग का मास्टर माइंट पिंटू उर्फ योगेंद्र पुत्र खेम सिंह है, जो बुलंदशहर के थाना जहांगीराबाद के बझेड़ा का रहने वाला है। वहीं दूसरा आरोपी लवकुश पुत्र चंद्रपाल निवासी बुलंदशहर है।
दोनों आरोपियों ने तमंचे से पुलिस टीम के ऊपर 4 राउंड फायर किए। जिसके बाद पुलिस टीम की ओर से भी आत्मरक्षा में कर्इ राउंड फायर किए गए। जिसके बाद दोनों के पैर में गोली लगी है। दोनों आरोपियों के पास से 312 बोर का तंमचा, दो-दो खाली खोखे बरामद हुए है। इसके साथ 550 रुपये और गिलेट का सिक्का बरामद हुआ है।
जहां जाता था वहीं गैंग बना लेता था पिंटू
पुलिस की गोली से घायल हुआ अपराधी पिंटू ट्रेनों में लूट करने का मास्टर माइंड है। यह सिक्का रखकर ट्रेन का सिग्नल फेल करने का भी एक्सपर्ट है। इसके खिलाफ हिस्ट्रीशीट समेत 14 नामजद मुकदमें दर्ज हैं। इसने अलीगढ़ के साथ रामपुर, गाजियाबाद, जहांगीराबाद समेत गुजरात में भी ट्रेन लूट की कई घटनाएं की हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी जहां जाता है, वहां के लोकल अपराधियों की टीम बनाकर घटनाओं को अंजाम देता है। यह 2016 में भी जेल गया था, उसके बाद अब पकड़ा गया है। इसे गिरफ्तार करने के लिए गुजरात पुलिस भी अलीगढ़ आई थी, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी। अब आरोपी को पकड़ा जा सकता है।
दुबारा घटना की फिराक में थे आरोपी
दाउद खां में 7 मई को घटना करने के बाद आरोपी दुबारा ट्रेन लूट करने की कोशिश में थे। इसलिए यह शुक्रवार तड़के अलीगढ़ आए थे और दाउद खां स्टेशन के आसपास ही घूम रहे थे। तभी गश्त कर रही आरपीएफ को सूचना मिली। जिसके बाद उन्होंने जीआरपी को भी मौके पर बुला लिया और आरोपियों से मुठभेड़ के बाद उन्हें पकड़ा जा सका।
इंस्पेक्टर जीआरपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि RPF-GRP की संयुक्त कार्रवाई में उनके साथ जीआरपी के एसएसआई अनिल कुमार, एसआई विपिन कुमार, अमित कुमार शामिल रहे। वहीं RPF के एसआई अमित चौधरी, एएसआई ओमवीर सिंह, हे.का. नरेंद्र कुमार, सूरज कुमार, अशोक शामिल रहे।