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आजमगढ़ : 50 हजार के इनामी गो-तस्कर वाकिब उर्फ वाकिफ का एनकाउंटर

आजमगढ़ में 50 हजार के इनामी गो-तस्कर वाकिब उर्फ वाकिफ को एनकाउंटर में मार गिराया गया। शुक्रवार तड़के लूट के सुराग जुटाने के लिए पुलिस टीम गश्त कर रही थी। तभी STF को सूचना मिली कि वाकिफ और उसके तीन साथी थाना रौनापार क्षेत्र की ओर भाग रहे हैं। इस पर टीम ने उनकी घेराबंदी की।

जैसे ही बदमाशों को घेरा, उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में वाकिफ को गोली लग गई। गोली लगते ही वह जमीन पर गिर पड़ा। पुलिस उसे सीएचसी हरैया लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

वहीं, वाकिफ के 3 साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। STF टीम का नेतृत्व डिप्टी एसपी डीके शाही कर रहे थे। शाही वही अफसर हैं, जिन्होंने सुल्तानपुर डकैती कांड में वांटेड मंगेश यादव का एनकाउंटर किया था।

वाकिफ पर गो-तस्करी, चोरी, हत्या और लूट जैसे गंभीर अपराधों के 48 से अधिक मुकदमे आजमगढ़, गोरखपुर और जौनपुर सहित कई जिलों में दर्ज थे। वह अपने गिरोह के साथ मिलकर पशुओं की चोरी और गोवंश की अवैध तस्करी करता था।

27 साल का वाकिफ आजमगढ़ के फूलपुर का रहने वाला था। उसके पिता कलाम उर्फ सलाम मजदूरी और फेरी का काम करते हैं। वाकिफ ने 2015 में अपराध की दुनिया में कदम रखा। आजमगढ़ के सरायमीर थाने में उस पर पशु चोरी का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था।

इसके बाद वह लगातार अपराध करता चला गया और उसने अपना गैंग बना लिया। वह गैंग के साथ मिलकर दूध देने वाले पशुओं की चोरी और गोवंश की अवैध तस्करी करता था। गैंग में अरशद, राकेश उर्फ राका, जावेद, मेराज, सुरेंद्र यादव, शहजादे उर्फ छेदी, मोहम्मद आकिल, हसीम उर्फ शेरू और शकील उर्फ भीमा जैसे अपराधी शामिल थे।

वाकिफ का नाम 2023 में गोरखपुर के एक गो-तस्करी कांड में सामने आया था। इसके बाद उस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। उस पर नेपाल बॉर्डर के रास्ते तस्करी का नेटवर्क चलाने का भी आरोप था। जांच में सामने आया है कि पकड़ने जाने के लिए डर से वाकिफ मोबाइल नहीं रखता था।

यूपी पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, 1974 को जन्मे डीके शाही मूल रूप से देवरिया के रहने वाले हैं। साल 2019 में वह डिप्टी एसपी की रैंक पर प्रमोट हुए। डीके शाही की पत्नी ऋतु शाही बीजेपी की नेता हैं। मंगेश यादव एनकाउंटर से पहले ऋतु शाही को उत्तर प्रदेश महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया था।

डीके शाही ने अब तक 50 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। पहली बार वह 2004 में चर्चा में आए थे, जब उन्होंने इनामी बदमाश देवेंद्र उर्फ सुल्तान को गिरफ्तार किया था। सुल्तान पर दो सिपाहियों की हत्या का आरोप था और उस पर 1 लाख का इनाम भी रखा गया था। राज्य सरकार के अनुसार, मार्च 2017 से जुलाई 2025 तक यूपी पुलिस ने 238 अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर किया है। इस दौरान 14,000 से अधिक पुलिस एनकाउंटर हुए, जिनमें 30,000 से ज्यादा अपराधी गिरफ्तार हुए और 9,000 से अधिक को गोली मारी गई।

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