ईरान पर हमले के लिए B-2 बॉम्बर 37 घंटे उड़े, 14 हजार किलो के बम गिराए
अमेरिका ने रविवार सुबह (भारतीय समयानुसार 4:10 बजे) ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर 7 B-2 बॉम्बर से हमला किया। ये ठिकाने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान में हैं।
ईरानी परमाणु ठिकानों पर मिसाइल गिराने के करीब 12 घंटे बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री और जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इसमें जनरल डैन केन ने बताया कि ईरान में चले ऑपरेशन का नाम ‘ऑपरेशन मिडनाइट-हैमर’ था। इसमें 125 से ज्यादा जेट शामिल हुए थे।
हमले से पहले 37 घंटे उड़े B-2 बॉम्बर
हमला करने से पहले B-2 बॉम्बर विमान ने अमेरिका के मिसौरी व्हाइट-मैन एयरफोर्स बेस से भारतीय समयानुसार 20 जून को दोपहर करीब 3 बजकर 30 मिनट पर टेकऑफ किया था। इस विमान ने लगभग 37 घंटे तक बिना रुके उड़ान भरी और बीच हवा में कई बार फ्यूल भरा था।
B-2 बॉम्बर ने फोर्डो और नतांज साइट पर 30 हजार पाउंड (14 हजार किलो) के एक दर्जन से ज्यादा GBU-57 बम (बंकर बस्टर) गिराए। वहीं, इस्फहान और नतांज पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागी हैं। इन्हें 400 मील दूर अमेरिकी पनडुब्बियों से लॉन्च किया गया था।
ईरान को धोखा देने दो दिशा में गए बॉम्बर
जनरल केन ने बताया कि इस मिशन में धोखे की रणनीति भी अपनाई गई। इसमें कुछ बॉम्बर को प्रशांत महासागर में तैनात किया गया, ताकि ईरान को लगे कि हमला प्रशांत महासागर की तरफ से होगा, जबकि असली हमला व्हाइट-मैन एयरफोर्स बेस से किया गया।
जनरल केन ने कहा कि पूरा ऑपरेशन बेहद गुप्त था और इसकी जानकारी सिर्फ कुछ चुनिंदा अमेरिकी मिलिट्री लीडर्स को ही थी। उन्होंने बताया 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद से सबसे लंबा B-2 मिशन था।इजराइल लगातार ईरान के न्यूक्लियर साइट पर हवाई हमले कर रहा है, जिस पर इजराइल का कहना है कि वे ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना चाहते हैं। हालांकि ईरान ने परमाणु बम बनाने से इनकार किया है।
अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया कि इन हमलों से ईरान को कितना नुकसान हुआ है। वहीं, ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था (AEOI) ने कहा है कि अमेरिका के मिसाइल हमलों के बाद भी फोर्डो, नतांज और इस्फहान में कोई रेडिएशन लीक नहीं हुआ है।
यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह करने के दावों के बाद आया है।
इजराइल-ईरान के बीच जारी संघर्ष का आज 10वां दिन है। अमेरिका स्थित ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान में 13 जून से अब तक 657 लोगों की मौत हुई है और 2000 से ज्यादा घायल हैं।
हालांकि, ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिर्फ 430 नागरिक के मारे जाने और 3,500 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। वहीं, इजराइल में 21 जून तक 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 900 से ज्यादा घायल हुए हैं।