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Politics

बसपा महारैली: मायावती के भाषण का निचोड़ क्‍या

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की ऐतिहासिक महारैली में पार्टी सुप्रीमो मायावती ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा और साफ कहा कि 2027 का विधानसभा चुनाव बीएसपी अकेले अपने दम पर लड़ेगी. उन्होंने कहा कि हम अपने पुराने अनुभवों के आधार पर अब किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेंगे. जब-जब गठबंधन किया, पार्टी को नुकसान ही हुआ है. मायावती ने समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “जब सपा की सरकार थी, तब उन्होंने कांशीराम जी के बनाए स्मारकों के रखरखाव पर एक रुपया भी खर्च नहीं किया. सपा सरकार में लखनऊ के स्मारकों और पार्कों की हालत खराब हो गई थी. हालांकि इस मसले पर मौजूदा बीजेपी सरकार की तारीफ की कि ‘इन्‍होंने हमारे आग्रह पर टिकटों से मिलने वाले पैसे से इन स्थलों की मरम्मत कराई, इसके लिए मैं आभारी हूं.’..

मायावती अपने संबोधन में समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव पर खूब नाराज दिखीं. उन्‍होंने अखिलेश के पीडीए फॉर्मूले पर कहा कि ‘जब ये सत्ता में रहते हैं तो उन्हें न कांशीराम याद आते हैं, न पीडीए. जब सत्ता से बाहर होते हैं, तब इनकी याद आती है. अगर कांशीराम जी के प्रति सच्चा सम्मान होता तो उन्होंने उनके नाम पर बने अलीगढ़ मंडल में बनाए कांशीराम नगर जिले का नाम न बदलवाया होता.’

किनसे सावधान रहने की नसीहत दी?
मायावती ने कहा कि ‘सपा, बीजेपी और कांग्रेस सभी जातिवादी और संकीर्ण सोच वाली पार्टियां हैं. ये जब सत्ता से बाहर होती हैं, तब बहुजन नायकों को याद करती हैं. जनता को उन ऐसे दोगले चरित्र वाले नेताओं, लोगों से भी सावधान रहना चाहिए, जो छोटे दल या संगठन बनाकर इनको लाभ दे रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि कांशीराम ने दलितों और पिछड़ों के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर बहुजन समाज को राजनीतिक ताकत देने की ठानी. उनका सपना था कि दलित और वंचित वर्ग अपने दम पर सरकार बनाएं और 2007 में हमने वह सपना पूरा किया था.’

इनकम टैक्‍स, सीबीआई हमारे पीछे लगाई गई- मायावती
मायावती ने कहा कि 2007 में जब बहुजन समाज पार्टी ने अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी, तब बीजेपी, कांग्रेस, सपा और अन्य जातिवादी दलों को यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगा. उन्होंने आरोप लगाया कि हमारी सरकार बनने के बाद केंद्र की तत्कालीन भाजपा सरकार ने मेरे और मेरे परिवार पर झूठे केस लगवाकर इनकम टैकस और सीबीआई को पीछे लगा दिया, ताकि मेरी छवि को धूमिल किया जा सके. मायावती ने आगे कहा कि कांग्रेस ने भी हमें राहत देने की बजाय उलझाने का ही काम किया. हमें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा.

ईवीएम पर सवाल और साजिश के आरोप
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि ‘विरोधी पार्टियां बीएसपी को कमजोर करने के लिए दलित समाज के स्वार्थी और बिकाऊ लोगों को आगे कर रही हैं. इनके नाम पर छोटे-छोटे संगठन बनाकर वोट काटने की साजिश की जा रही है. जहां-जहां बीएसपी जीत रही थी, वहां इन दलों ने मिलकर हमें हराया. बाकी कसर ईवीएम की धांधली से पूरी की गई.’ उन्होंने कहा, “अब जब ईवीएम पर विरोध बढ़ रहा है, तो बैलेट पेपर सिस्टम फिर से लागू हो सकता है. इसलिए हमें हर स्तर पर संगठन को मजबूत करना है.”

2027 में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान
मायावती ने यूपी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर कहा कि ‘हम अब किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. 1993 में सपा से और बाद में कांग्रेस से गठबंधन करने पर भी हमें केवल 67 सीटें मिली थीं. लेकिन जब 2007 में अकेले चुनाव लड़ा, तो 200 से अधिक सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. इसलिए अब 2027 में भी बीएसपी अकेले मैदान में उतरेगी.’

बीएसपी नेतृत्व में नई पीढ़ी, आकाश आनंद पर क्‍या बोलीं
मायावती ने आकाश आनंद को लेकर कहा कि ‘आकाश आनंद अब पूरी निष्ठा के साथ पार्टी को मजबूत कर रहे हैं. जैसे कांशीराम जी के नेतृत्व में लोग मेरे साथ खड़े थे, वैसे ही अब लोग आकाश के साथ खड़े होंगे. उनके पिता आनंद कुमार दिल्ली में पार्टी का लेखा-जोखा संभाल रहे हैं और सतीश चंद्र मिश्रा ने ब्राह्मण समाज को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है.’

आई लव… धर्म और राष्ट्रीय सुरक्षा पर टिप्पणी
उन्होंने कहा कि ‘हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और किसी की परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए. किसी भी धर्म की आड़ में ‘आई लव…’ जैसी राजनीति नहीं होनी चाहिए.’ कश्मीर के पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर सरकार पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर होती, तो यह हमला रोका जा सकता था. विदेशी टैरिफ नीति और ‘स्वदेशी’ के दावों पर भी सरकार को सजग रहना चाहिए.’

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